वक्फ ( संशोधन) बिल, 2024 को संसद में भले ही जनता दल यूनाइटेड ने अपना समर्थन दिया हो मगर इस संशोधन बिल पर पार्टी के अंदर ही दो धड़ों में बंटी हुई नजर आ रही है. एक तरफ, जहां संसद में इस बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री लल्लन सिंह ने इसे सही ठहराते हुए बिल की वकालत की. तो दूसरी ओर बिहार में पार्टी के एमएलसी गुलाम गौस ने इस बिल का जबरदस्त विरोध किया.
गुलाम गौस ने इस बिल के खिलाफ बयान देते हुए बीजेपी पर मुसलमान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है और इस संशोधन बिल के जरिए सरकार के द्वारा वक्फ बोर्ड की जमीन को छीनने की कोशिश की बात कही है.
नीतीश कुमार बुला सकते हैं बैठक!
गुलाम गौस का कहना है कि इस संशोधन बिल को लाकर सरकार पूरे देश में तकरीबन 7 लाख एकड़ में फैले वक्फ की भूमि को हथियाना चाहती है. इस बिल पर पार्टी के अंदर फाड़ दो को देखते हुए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी में उठ रही आवाजों को शांत करने के लिए नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर सकते हैं और कोशिश करेंगे कि इस मुद्दे पर पार्टी के अंदर एक राय बन सके.
चिराग Vs मांझी
वहीं, एनडीए सरकार में साझेदार चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के बीच भी तनातनी देखी जा रही है. एनडीए के वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया तो केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अदालत के फैसले के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि जीतन राम मांझी और चिराग पासवान दोनों ही केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं दोनों ही दलित समाज से आते हैं.
माना जा रहा है कि अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का यह मुद्दा और गरमा सकता है. मांझी और चिराग के बीच उठे बवाल से एनडीए में खटपट और बढ़ सकती है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एससी-एसटी आरक्षण में सब-कैटिगरी बनाने की मांग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी. जिसके के बाद सरकार इन्हें लागू करने का मन बना रही थी. हालांकि, केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एससी और एसटी संसाधनों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद भरोसा दिया कि आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा.