बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में रविवार शाम को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. इस पार्टी में 7 मुस्लिम धार्मिक संगठनों के बॉयकॉट के बावजूद बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल हो रहे हैं. इफ्तार पार्टी का आयोजन पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास में किया गया है. पार्टी में कैमरा और मोबाइल दोनों ले जाने की मनाही है.
इफ्तार पार्टी में रोजेदारों का आने का सिलसिला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इप्तार पार्टी में शामिल होने के लिए पूर्व मंत्री मोनजीर हसन भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं. मोनजीर ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा, "नीतीश कुमार ने मुसलमान के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. प्रशांत किशोर के साथ रहना अब पुरानी बात हो गई. नीतीश कुमार अगर बुलाते हैं तो मैं जदयू में आऊंगा."
7 मुस्लिम धार्मिक संगठनों के बॉयकॉट का असर इफ्तार पार्टी पर देखने को मिल रहा है. मुस्लिम धार्मिक संगठनों से जुड़े कोई भी धर्मगुरु मुख्यमंत्री आवास नहीं पहुंचे हैं. केवल राजनीतिक गलियारे से जुड़े मुसलमान की मुख्यमंत्री आवास पर मौजूदगी है. ज्यादातर जेडीयू के मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता ही इफ्तार पार्टी में आए हैं.
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जेडीयू के वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने के कारण मुस्लिम संगठनों में नाराजगी है. इसलिए संगठनों ने मुख्यमंत्री तीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी का बॉयकॉट किया है. चुनावी साल में मुख्यमंत्री को अल्पसंख्यक समुदाय से झटका लगा है. मुस्लिम संगठनों द्वारा इफ्तार के दावत के बॉयकॉट करने के एलान पर आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने मुस्लिम धार्मिक संगठनों का फैसला सही बताया है. उन्होंने कहा, जेडीयू मुसलमानों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है.