बिहार के पीएचईडी विभाग में करोड़ों का ठेका रद्द करने का मामला सामने आया है. विभागीय मंत्री नीरज बबलू का इस पर बयान भी आया है. उन्होंने बताया कि गड़बड़ियों के कारण पुराना टेंडर कैंसिल किया गया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार में जो टेंडर किया गया उसमें काफी गड़बड़ी थी.
मिली जानकारी के अनुसार महागठबंधन सरकार के दौरान 826 करोड़ के 350 ठेके रद्द किए गए हैं. 1160 में से 350 टेंडर में गड़बड़ी मिली है. हर घर नल का जल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है और हम सपने को पूरा करने में जुटे हैं. नल जल योजना में कई जगह गड़बड़ी और शिकायत थी. हमलोग बहुत जल्द फ्रैश टेंडर निकालेंगे. 6 महीना में नल जल की व्यवस्था ठीक हो इसलिए फिर से नया टेंडर निकाला जा रहा है.
17 महीने में 17 लाख का भी नहीं हुआ टेंडर
इधर, पीएचईडी विभाग में टेंडर कैंसिल होने के बाद आरजेडी विधायक और पूर्व पीएचईडी मंत्री ललित यादव ने कहा कि टेंडर में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है.अधिकारियों ने ही टेंडर किया था. हमलोगों के कार्यकाल में 17 महीनें की सरकार में 17 लाख का भी टेंडर नहीं हुआ था.
पूर्व मंत्री ने कहा जांच कराने की मांग
उन्होंने मंत्री नीरज बबलू को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो पूरे मामले की जांच कराएं. अब तो डबल इंजन की सरकार है. राज्य में भी एजेंसी है केंद्र में भी एजेंसी है. कड़ी से कड़ी जांच करा ले. जब से नल जल योजना चल रही है, तब से जांच कराई जाए. ललित यादव ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में ही सबसे पहले नल जल योजना का टेंडर हुआ है. महागठबंधन के सरकार में तो 5 लाख का भी टेंडर नहीं हुआ है.