कुवैत अग्निकांड में अपनी जान गवाने वाले कालू खान का शव घटना के चौदह दिन बाद मंगलवार को दरभंगा जिला के नैनाघाट उनके पैतृक गांव पहुंचा. शव गांव पहुंचते ही सैकड़ो की संख्या में गांव के लोग उमड़ गए. पीड़ित परिवार के साथ साथ पुरे गांव में मातम छा गया. वहीं, ग्रामीण सरकार से मुआवजा और नौकरी की मांग करते दिखाई दिए.
बता दें कि दरभंगा जिले के नैनाघाट के रहने वाला कालू खान पांच-छह सालों से कुवैत में रहकर नौकरी कर रहा था. कालू करीब 2 साल पहले गांव आया था. फिर कुछ महीने रहने के बाद कुवैत चला गया और बिल्डिंग में आग लगने से जलकर मौत हो गई. घटना की सूचना के बाद कालू खान की मां मदीना खातून का रो-रोकर बुरा हाल था.
'अगले महीने कुवैत से लौटने पर होती शादी'
वहीं, गांव और परिवार के लोग कालू खान की घर पहुंचकर सब ठीक होने का दिलासा दे रहे थे. आग लगने की घटना से एक दिन पहले कालू खान ने अपनी मां मदीना खातून से फोन पर बात भी की थी और अपने घर में बिजली कनेक्शन लगवाने का वादा किया था. बताया जा रहा है कि कालू खान की शादी भी तय हो चुकी थी और अगले महीने कुवैत से लौटने पर शादी भी हो जाती.
'आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी की मांग'
स्थानीय ग्रामीण पप्पू खान ने बताया कि कुवैत अग्निकांड घटना के चौदह दिन बाद आज कालू खान का शव उनके गांव पहुंचा, जहां उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया. सवाल उठाते कहा कि केंद्र सरकार और हमारी एम्बेसी इस पूरे मामले में फेल दिखाई दी. यह बेहद अफसोस की बात है कि घटना के चौदह दिन बाद आज शव आया. सरकार पीड़ित परिवार को बीस लाख रुपए का तत्काल आर्थिक मदद के साथ परिवार के एक लोगों को सरकारी नौकरी दें. ताकि पीड़ित परिवार का घर परिवार चल सके.