बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परिक्षार्थियों के विरोध प्रदर्शन पर राज्य सरकार के रवैये को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है. हमने सीएम को कई चिट्ठी लिखी है, लेकिन कोई जवाब नहीं आता है. सीएम न जनता को जवाब देते हैं और न हमें जवाब देते हैं.
तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को केवल भ्रष्ट अधिकारी चला रहे हैं, ये लोग छात्रों को पीटते हैं. राजद नेता ने कहा कि सीएम होश में नहीं हैं. ऐसा लग रहा है कि सीएम है ही नहीं बिहार में. हम छात्रों के लिए लड़ेंगे. उन्होंने परीक्षा वापस लेने की मांग की. साथ ही कहा कि बीजेपी में कोई पढ़ा लिखा नहीं है. बीजेपी के लोग फर्जी डिग्री वाले लोग हैं.
तेजस्वी यादव की CM को चिट्ठी
हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में हुए कदाचार और अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए. तेजस्वी ने परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी को देखते हुए पूरी परीक्षा रद्द कर री-एग्जाम की मांग की है.
तेजस्वी यादव ने लिखा कि दिनांक 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में पटना के बापू परीक्षा केंद्र समेत कई परीक्षा केंद्रों पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र पर प्राइवेट एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा परीक्षा संचालन किया गया, जो पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है. परीक्षा के दौरान हुए कदाचार से लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है.
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से क्या मांग की?
- बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह रद्द कर सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन, एक पेपर और एक शिफ्ट में री-एग्जाम जाए.
- परीक्षा संचालन के लिए प्राइवेट एजेंसी के बजाय सरकारी कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाए.
- जिन 90,000 अभ्यर्थियों ने सर्वर समस्या के कारण परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए, उन्हें दोबारा मौका दिया जाए.
- परीक्षा के पहले निजी कोचिंग संस्थानों द्वारा जारी मॉडल प्रश्न पत्रों में आए सवालों की जांच की जाए.