बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परिक्षार्थियों के विरोध प्रदर्शन पर राज्य सरकार के रवैये को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने सरकार को "भ्रष्ट लोगों की सरकार" करार देते हुए मुख्यमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए.
तेजस्वी यादव ने कहा, "यहां कोई सरकार नहीं है...सीएम सभी मुद्दों पर मौन हैं...जब हमारी सरकार थी, तो युवा खुश थे. आज उनके शरीर पर केवल निशान हैं (नीतीश कुमार की सरकार में)... मुख्यमंत्री कहीं खो गए हैं. ऐसा लगता है कि वो इतिहास बन चुके हैं और राज्य में कोई मुख्यमंत्री नहीं है... यह सरकार केवल भ्रष्ट लोगों की है."
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प्रशांत किशोर ने भी छात्रों का किया समर्थन
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र की जगह "लाठी-तंत्र" (लाठी का शासन) ने ले ली है. प्रदर्शनकारी छात्रों को समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी भी प्राधिकारी को लोकतांत्रिक रूप से विचार व्यक्त कर रहे व्यक्तियों पर बल इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, "बिहार में पिछले 1-2 सालों में लोकतंत्र 'लाठी-तंत्र' में बदल गया है."
जन सुराज ने नीतीश कुमार को दिया अल्टीमेटम
जन सुराज पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी भी लिखी है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने उन्हें कल 12 बजे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा कि अगर सीएम कल 12 बजे तक छात्रों से मुलाकात नहीं करते हैं तो फिर से आंदोलन किया जाएगा. उधर, अभ्यर्थी BPSC की परीक्षा फिर से करने की मांग कर रहे हैं.
4 जनवरी को प्रारंभिक परीक्षा कराने की योजना
बीपीएससी के एग्जामिनेशन कंट्रोलर राजेश कुमार सिंह ने पेपर लीक के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने स्पष्ट किया, "आयोग ने फैसला किया है कि अगले साल 4 जनवरी को प्रारंभिक परीक्षा (उन छात्रों की जो बापू परीक्षा केंद्र में थे) आयोजित की जाएगी और हम महीने के आखिरी तक परिणाम जारी किए जाएंगे, ताकि बीपीएससी मेन्स की परीक्षा अप्रैल तक आयोजित की जा सके."
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पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर हुआ प्रदर्शन
विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट एमएस खान ने कहा कि भीड़ को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी, पर हिंसा करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम में मशहूर यू-ट्यूबर खान सर भी छात्रों के समर्थन में उतरे और उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की. प्रदर्शनकारियों ने बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग के साथ पटना में आयोग के कार्यालय के बाहर इकठ्ठा होकर प्रदर्शन किया.