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पटना में बेसमेंट में कोचिंग चलाते पकड़े गए तो इमारत होगी सील, डीएम ने दिया आदेश

दिल्ली में कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद कोचिंग इंस्टीट्यूट पर पटना प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है. डीएम ने आदेश दिया है कि जिस इमारत के बेसमेंट में कोचिंग चलते हुए पाया गया उस इमारत को ही सील कर दिया जाएगा. उन्होंने सभी इंस्टीट्यूट को एक महीने का समय दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर (यह MetaAI जेनरेटेड फोटो है)
सांकेतिक तस्वीर (यह MetaAI जेनरेटेड फोटो है)

दिल्ली में एक कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन लोगों की मौत के बाद सबक लेते हुए पटना प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने रविवार को कहा कि पटना में किसी भी इमारत के बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चलते पाया गया तो उसे तुरंत सील कर दिया जाएगा.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली राव कोचिंग इंस्टीट्यूट में यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत के बाद बिहार की राजधानी पटना में भी कोचिंग का निरीक्षण किया जा रहा है. इसी को लेकर पटना के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अब तक यहां कोई भी कोचिंग सेंटर बेसमेंट से चलता हुआ नहीं पाया गया है.

जिला प्रशासन ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जो कोचिंग संस्थान बेसमेंट में चल रहे हैं, उन्हें तुरंत सील कर दिया जाए. यह सीधे तौर पर कोचिंग संस्थान चलाने के मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन है. हालांकि डीएम ने को कहा, 'कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण में राज्य की राजधानी में एक भी ऐसा संस्थान नहीं मिला जो बेसमेंट में चल रहा हो.'

पटना जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए एक महीने का समय दिया है. उन्हें जिले में कोचिंग सेंटर चलाने के लिए अनिवार्य पंजीकरण कराना होगा. डीएम ने कहा कि एक महीने के बाद मौजूदा प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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6 दिनों में एक हजार कोचिंग रजिस्ट्रेशन के आवेदन

इस आदेश के बाद जिला प्रशासन को अब तक (पिछले छह दिनों में) पंजीकरण/नवीनीकरण के लिए पटना में लगभग 1,100 कोचिंग सेंटरों से आवेदन प्राप्त हुए हैं जो प्रक्रियाधीन हैं. जिला प्रशासन ने सिंगल विंडो क्लीयरेंस की एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू करने का भी निर्णय लिया है.' जिले में कोचिंग संस्थानों के लिए सभी अनिवार्य मंजूरी/अनुमतियों के लिए कुछ दिनों के भीतर एक पोर्टल लॉन्च किया जाएगा. इस बात की जानकारी खुद डीएम ने दी है.

उन्होंने कहा कि जिला अधिकारियों द्वारा कोचिंग संस्थानों के चल रहे निरीक्षण से पता चला है कि उनमें से अधिकांश अत्यधिक भीड़भाड़ वाले हैं और सघन इलाकों में चल रहे हैं. डीएम ने कहा कि उन्हें कक्षा/बैच के दौरान प्रत्येक छात्र के लिए न्यूनतम एक वर्ग मीटर का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से कहा गया है, नामांकित छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त बुनियादी ढांचा होना चाहिए.

एक महीने में मानदंडों को पूरा करने का आदेश

पटना प्रशासन की तरफ से कोचिंग संस्थानों के मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि हर क्लास, में एक प्रवेश और एक निकास द्वार होना चाहिए, जो मौजूदा प्रावधानों के तहत है. डीएम ने कहा, हम छात्रों की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं, 'जिले के कोचिंग सेंटरों में किसी भी तरह की दहशत पैदा करने के लिए ऐसा नहीं किया जा रहा बल्कि ये किसी भी घटना को रोकने के लिए उठाया गया कदम है.

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बिहार की राजधानी पटना को 'कोचिंग हब' के रूप में देखा जाता है. यहां पूरे राज्या और दूसरी जगहों से भी छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल और सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं.

 

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