बिहार के पूर्णिया जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां धन संपत्ति की जगह एक पति का ही बंटवारा हो गया है. मामला रूपौली थाना क्षेत्र का है जहां एक शख्स की दो शादियों के बाद हुए विवाद को पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में सुलझाया गया. समझौते के तहत अब पति को पहली पत्नी के साथ सप्ताह में चार दिन और दूसरी पत्नी के साथ तीन दिन रहना होगा.
पहली पत्नी के साथ 4 दिन, दूसरी पत्नी के साथ रहना होगा तीन दिन
इस समझौते के लिए भी पुलिस परामर्श केंद्र के सदस्यों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल एक शख्स ने बिना अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए सात साल पहले दूसरी शादी कर ली थी. परामर्श केंद्र में पहली पत्नी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि पति ने दूसरी शादी करने के बाद से उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. उनकी शादी को कई साल हो चुके थे और उनके दो बेटे अब जवान हो चुके हैं, लेकिन उनके पति ने उनकी पढ़ाई-लिखाई और खर्च उठाने से भी इनकार कर दिया था.
पति ने किया जिम्मेदारी उठाने का वादा
जब पति को पुलिस परामर्शन केंद्र में बुलाया गया, तो उसने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि उसने बिना तलाक दिए दूसरी शादी की है. हालांकि, उसने कहा कि वह अपनी दोनों पत्नियों का भरण-पोषण करना चाहता है और उन्हें सम्मान देना चाहता है. ऐसे में पति के लिए सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वह दोनों पत्नियों को एक साथ कैसे रखे. इसके बाद परामर्श केंद्र के वरिष्ठ सदस्य और वकील दिलीप कुमार दीपक की मध्यस्थता से एक अनोखा समाधान निकाला.
उस शख्स से कहा गया कि वो पहली पत्नी के साथ सप्ताह में चार दिन और दूसरी पत्नी के साथ तीन दिन रहेगा. इसके अलावा, उसे अपने दोनों बच्चों की शिक्षा के लिए हर महीने 4000 देने के लिए एक बॉन्ड भी तैयार किया गया है. इस फैसले पर दोनों पत्नियां सहमत हो गईं और बॉन्ड पर हस्ताक्षर कर खुशी-खुशी परामर्श केंद्र से चले गए. पुलिस परिवार परामर्श केंद्र ने इस मामले को शांति से सुलझाने में अहम भूमिका निभाई.