बिहार में निर्माणाधीन पुलों का गिरना लगातार जारी है. इसी कड़ी में बिहार के मधुबनी जिला के झंझारपुर में एक और निर्माणाधीन पुल गिर गया. पिछले 11 दिनों के अंदर बिहार में पुल गिरने की यह पांचवीं घटना है. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.
दरअसल, शुक्रवार को मधुबनी में जो निर्माणाधीन पुल गिरा उसकी लंबाई 77 मीटर है और दो पिलर के बीच में बीम (long girder) का हिस्सा गिर गया है. दिलचस्प बात यह है कि प्रशासन ने इस लापरवाही को छुपाने के लिए टूटे हुए हिस्से को काले रंग के प्लास्टिक से ढक दिया. ताकि लोगों को पुल गिरने की जानकारी न हो सके. मधुबनी का यह पुल तकरीबन तीन करोड़ की लागत से बन रहा था. यह पुल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा निर्माण किया जा रहा था.
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'Aaj Tak के हाथ लगे खास दस्तावेज'
'आजतक' के पास जो दस्तावेज हाथ लगे हैं उसके मुताबिक, यह पुल 24 जून से पहले ही ध्वस्त हो चुका था. 24 जून को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामाशीष पासवान ने पुल का निर्माण कर रहे संवेदक अमरनाथ झा को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था कि पुल का एक हिस्सा लटक गया है और इस कारण इसे दोबारा बनाया जाए.
कार्यपालक अभियंता के इस पत्र के जवाब में अमरनाथ झा ने यह दलील दी कि बीम के ढलाई के 3 दिन के अंदर ही कोसी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिसकी वजह से पुल का यह हिस्सा लटक गया. संवेदक ने यह दलील दी क्योंकि कोसी नदी में अभी जलस्तर काफी बढ़ा है, इसलिए जलस्तर कम होने के बाद पुनः निर्माण कराया जाएगा.
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'11 दिनों के अंदर पांच पुलों ने ली जल समाधि'
गौरतलब है, बिहार में पुल गिरने का पिछले 11 दिनों में यह पांचवीं घटना है. इसके बाद पुलिस निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि 18 जून को एरिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया. बताया जाता है कि यह पल तकरीबन 40-45 साल पुराना था.
इसके बाद 23 जून को पूर्वी चंपारण में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त होने का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था और इसी वजह से पुल गिर गया. वहीं, 27 जून को बिहार के किशनगंज में भी कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया.