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निशाने पर सम्राट चौधरी या नीतीश कुमार? अश्विनी चौबे 'आयातित माल किसे कह रहे, क्यों उठा रहे नेतृत्व की बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के एक बयान से बिहार में सियासी तापमान बढ़ गया है. अश्विनी चौबे ने बीजेपी की अगुवाई में एनडीए के बिहार चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और सीएम के सवाल पर यह भी कह दिया- पार्टी में आयातित माल हमें बर्दाश्त नहीं. अश्विनी के निशाने पर नीतीश कुमार हैं या सम्राट चौधरी?

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अश्विनी चौबे, सम्राट चौधरी और सीएम नीतीश कुमार
अश्विनी चौबे, सम्राट चौधरी और सीएम नीतीश कुमार

लोकसभा चुनाव नतीजे आए अभी एक महीने भी नहीं हुए कि बिहार एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सियासी रार छिड़ गई है. पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई में एनडीए के बिहार चुनाव लड़ने की मंशा व्यक्त की है. बक्सर के पूर्व सांसद ने कहा है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए और एनडीए की सरकार बने. उन्होंने मुख्यमंत्री के सवाल पर ये भी कहा- पार्टी में आयातित माल हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री को लेकर फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा.

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अश्विनी चौबे ने अपने बयान में क्या कहा?

अश्विनी चौबे ने कहा- मेरी इच्छा है कि बिहार में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बननी चाहिए. बीजेपी अकेले पूर्ण बहुमत लाए और एनडीए को भी आगे बढ़ाए. हम नीतीश कुमार को साथ लेकर चल रहे थे, आज भी चल रहे हैं और आगे भी चलेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नेतृत्व की बात की तो साथ ही मुख्यमंत्री को लेकर सवाल पर आयातित माल का राग छेड़ दिया. सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा- जब चुनाव होगा, तब पार्टी और केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि सीएम कौन होगा लेकिन पार्टी में आयातित माल हमें कत्तई बर्दाश्त नहीं है. 

क्यों उठा रहे नेतृत्व की बात?

नीतीश कुमार ने कुछ ही महीने पहले महागठबंधन से नाता तोड़ एनडीए में वापसी कर सरकार बनाई थी. नीतीश के सीएम पद की शपथ लेने के बाद उनकी ही सरकार में डिप्टी सीएम और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था- बिहार में बीजेपी की सरकार बनाना हमारा लक्ष्य है. लोकसभा चुनाव में जब सीटों का बंटवारा हुआ, बीजेपी पहली बार बड़े भाई की भूमिका में नजर आई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटोः पीटीआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटोः पीटीआई)

बिहार में बीजेपी ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और जेडीयू के खाते में 16 सीटें ही गईं जितनी उसने 2019 में जीती थीं. लोकसभा चुनाव नतीजों में दोनों ही पार्टियों ने सूबे में 12-12 सीटें जीतीं. 400 पार का नारा देकर चुनाव मैदान में उतरी बीजेपी 240 सीटों पर रुक गई और एनडीए भी 300 के नीचे ही रहा. लोकसभा चुनाव में एनडीए को 293 सीटों पर जीत मिली और इसमें 12 सांसद जेडीयू के हैं. चुनाव नतीजों के बाद नीतीश की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) किंगमेकर बनकर उभरे जिसके 16 सांसद हैं.

यह भी पढ़ें: 'विधानसभा चुनाव में BJP करे नेतृत्व, इलेक्शन बाद तय हो CM', अश्विनी चौबे की बड़ी मांग, बोले- आयातित माल बर्दाश्त नहीं

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव नतीजों के बाद अपने संबोधन में बिहार के नतीजों के लिए नीतीश कुमार को क्रेडिट दिया था. सम्राट चौधरी के भी तेवर नरम पड़ गए. फिर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अश्विनी चौबे ऐसे वक्त में नेतृत्व की बात क्यों उठा रहे? चर्चा इस बात की भी हो रही है कि बीजेपी के तेवर अभी नरम जरूर पड़े हैं लेकिन भविष्य के लिहाज से पार्टी अपने गोल पर भी नजर गड़ाए हुए है. ऐसे में हो सकता है कि अश्विनी चौबे का ये बयान रणनीति के तहत आया हो. ये चर्चा आधारहीन भी नहीं.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)
बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)

जेडीयू के संजय झा से लेकर जमा खान तक की प्रतिक्रिया आ गई लेकिन संजय पासवान को छोड़ दें तो बीजेपी या बिहार बीजेपी के किसी प्रभावी नेता या पदाधिकारी ने इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है. एक थियरी ये भी है कि अश्विनी चौबे लोकसभा चुनाव में टिकट काटे जाने से नाराज हैं और हो सकता है कि पार्टी में रहते हुए गठबंधन की डोर कमजोर करने के लिए जानबूझकर  इस तरह के बयान दे रहे हों.

आयातित माल किसे कह रहे?

मुख्यमंत्री को लेकर सवाल पर अश्विनी चौबे ने आयातित माल बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आयातित माल से उनका आशय क्या था क्या वे सम्राट चौधरी की ओर इशारा कर रहे थे? सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं, नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम हैं. सम्राट बीजेपी में आने से पहले लालू यादव की अगुवाई वाली आरजेडी में भी रहे हैं. वह राबड़ी देवी की अगुवाई वाली आरजेडी की सरकार में भी मंत्री रहे हैं. सम्राट को सीएम पद के लिए बीजेपी में मजबूत दावेदार माना जाता है. 

जेडीयू और आरजेडी की प्रतिक्रिया क्या?

अश्विनी चौबे के इस बयान के बाद बिहार में सियासी तापमान चढ़ गया है. बीजेपी के ही एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार साथ नहीं होते तो इस बार पार्टी सूबे में शून्य पर आउट हो जाती. बिहार में एनडीए सरकार की अगुवाई कर रही जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सांसद संजय झा ने साफ कहा है कि बिहार में एनडीए का मतलब नीतीश कुमार ही हैं, इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है. जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने कहा है कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के चेहरे पर भरोसा करती है.

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जमा खान ने कहा है कि केंद्र में जो सरकार बनी है, नीतीश कुमार के समर्थन से बनी है. नीतीश कुमार ने समझौता किया है. उन्होंने कहा कि समर्थक चाहते थे कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनें लेकिन बिहार के सीएम ने पीएम बनने से ज्यादा केंद्र में सरकार बनाना जरूरी समझा. जमा खान ने दावा किया कि 2025 में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार की सरकार बनेगी. नीतीश कुमार ही सरकार का नेतृत्व करेंगे. दूसरी तरफ आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश की जल्द ही इंडिया अलायंस में वापसी का दावा करते हुए कहा है कि इसके बाद बिहार में बीजेपी साफ हो जाएगी.

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