बिहार के आरा में तनिष्क शोरूम लूटकांड में नया मोड़ आ गया है. कहा जा रहा है कि तनिष्क शोरूम में लूट की साजिश बंगाल की जेल में बंद वैशाली के कुख्यात डॉन चंदन कुमार उर्फ प्रिंस कुमार ने रची है. चंदन कुमार को ही इस लूटकांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि जेल में बंद कुख्यात चंदन उर्फ प्रिंस के इशारे पर हथियार से लैस 7 बदमाशों ने तनिष्क शोरूम से 10 करोड़ 9 लाख रुपए के जेवरात और कैश लूटकर सिक्योरिटी गार्ड की बंदूक छीन ली थी. पहले इस लूट को 25 करोड़ का होना बताया जा रहा था, हालांकि अब स्पष्ट हो गया है लूट 10 करोड़ की थी.
बता दें कि 10 मार्च को तनिष्क शोरूम में हुई लूट को अंजाम देकर भाग रहे 2 अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में घायल कर दिया था. पुलिस ने जख्मी आरोपियों के पास से लूटे गए जेवरात का 50% हिस्सा रिकवर भी कर लिया था.
चंदन कुमार के इशारे पर लूटकांड
इसके साथ ही गार्ड्स से छीनी गई बंदूकें और गोलियां भी बरामद गकर ली गईं. सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए अपराधियों ने ये बात स्वीकार की है कि उन्होंने बंगाल की जेल में बंद कुख्यात डॉन चंदन कुमार के इशारे पर घटना को अंजाम दिया था.
परत दर परत हो रहा पर्दाफाश
बता दें कि बिहार के आरा में 10 मार्च को गोपाली चौक के पास तनिष्क शोरूम में दिनदहाड़े लूट की गई थी. अब इस मामले का पर्दाफाश परत दर परत होते जा रहा है. अब इस लूटकांड का मास्टरमाइंड बंगाल के बांकुड़ा जेल में बंद वैशाली के कुख्यात डॉन चंदन कुमार उर्फ प्रिंस को बताया जा रहा है.
पुलिस के सामने अपराधियों ने दिए बयान
तनिष्क शोरूम लूटकांड में कुल 2 FIR दर्ज की गई हैं. पहली एफआईआर तनिष्क शोरूम के सहायक स्टोर मैनेजर बिनोद कुमार ने दर्ज कराई है. जबकि दूसरी एफआईआर बड़हरा थानाध्यक्ष शैलेश्वर प्रसाद ने खुद लिखित आवेदन देकर दर्ज की है, जिसमें तनिष्क शोरूम से लूटकर भाग रहे 2 अपराधियों की पुलिस मुठभेड़ के बीच घायल होने के बाद पुलिस के सामने दोनों अपराधियों के बयान का जिक्र है.
तीन बड़े अपराधियों पर पुलिस की नजर
हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो आरा में तनिष्क शो रूम लूटकांड मामले में बिहार के 3 बड़े अपराधियों पर शक की सुई घूम रही है. इनमें से एक नालंदा का कुख्यात सुबोध, दूसरा वैशाली जिले का हिस्ट्रीशीटर चंदन उर्फ प्रिंस और तीसरा निरंतक है.
नए लड़कों से काम कराते हैं गैंगस्टर
जानकारी के मुताबिक ये तीनों अपराधी अभी पश्चिम बंगाल की अलग-अलग जेलों में बंद हैं, जो जेल में बंद रहने के बाद भी कई जिलों में लूट की घटना को अंजाम दिलवा चुके हैं. इसके लिए ये तीनों अपराधी अपनी अलग-अलग गैंग बनाकर अपराध जगत में उतरे नए लड़कों से काम करवाते हैं.