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'बिहार का बच्चा और राजनीति...', जब छात्र ने PM मोदी से लीडरशिप पर पूछा सवाल, मिला ये जवाब

पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि सिर्फ परीक्षा ही नहीं बल्कि जीवन में भी सफल हों. इसके लिए अपनी असफलताओं को सबक में बदलें. क्रिकेटर अपनी गलतियां सुधारने के लिए रिप्ले देखते हैं. उसी तरह आप भी अपनी असफलताओं को अपना शिक्षक बनाएं. जीवन में सफल होने के लिए अपनी विशेषताओं को समझें और उन पर काम करें.

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 पीएम मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' के 8वें संस्करण में स्टूडेंट्स से बात की. (Photo: X/@BJP4India)
पीएम मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' के 8वें संस्करण में स्टूडेंट्स से बात की. (Photo: X/@BJP4India)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष बोर्ड एग्जाम से पहले बच्चों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को परीक्षा पर चर्चा के 8वें एडिशन में देश के विभिन्न राज्यों के 10वीं ओर 12वीं के छात्र-छात्राओं से बातचीत की और उन्हें स्ट्रेस फ्री रहने के टिप्स दिए. कार्यक्रम के दौरान बिहार के गया के रहने वाले 12वीं के स्टूडेंट विराज ने पीएम मोदी से पूछा- 'सर आप इतने बड़े ग्लोबल लीडर हैं. आप राजनीति में कई बड़े पदों पर रहे हैं. लीडरशिप क्वालिटी पर हमारे साथ भी कुछ बातें शेयर कीजिए, जो जीवन में आगे बढ़ने में हमारी मदद करें.'

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प्रधानमंत्री मोदी ने विराज के सवाल का जवाब देते हुए कहा- 'बिहार का लड़का हो और राजनीति से जुड़ा सवाल ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते हैं. लीडरशिप का मतलब सिर्फ कुर्ता-पायजामा पहनकर मंच पर भाषण देना ही नहीं है. आपको खुद को उदाहरण बनाना होता है. क्लास मॉनिटर दूसरे स्टूडेंट्स से कहेगा कि आप समय पर आइए और खुद नहीं आएगा, तो ऐसा नहीं चलेगा. उसे पहले खुद वक्त पर आना होगा, होमवर्क करना होगा. सभी की मदद करनी होगी, कठिनाइयां समझनी होंगी. देखभाल करनी होगी. तभी उसके साथी बच्चे सोचेंगे कि ये तो मेरा ध्यान रखता है. उसको रिस्पेक्ट मिलेगी.'

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पीएम मोदी ने गया के विराज के सवाल का उत्तर देते हुए कहा, 'आपको खुद, अपने व्यवहार को बदलना होगा. फिर आपको अगल-बगल के लोग लीडर के तौर पर स्वीकार करेंगे. लीडर को टीम वर्क सीखना बहुत जरूरी है. अगर किसी को काम दिया तो उसकी कठिनाई पता करनी होगी. सिद्धांत बनाइए- जहां कम, वहां हम. लोगों का विश्वास ही आपकी लीडरशिप को मान्यता देगा.' पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि सिर्फ परीक्षा ही नहीं बल्कि जीवन में भी सफल हों. इसके लिए अपनी असफलताओं को सबक में बदलें. क्रिकेटर अपनी गलतियां सुधारने के लिए रिप्ले देखते हैं. उसी तरह आप भी अपनी असफलताओं को अपना शिक्षक बनाएं. जीवन में सफल होने के लिए अपनी विशेषताओं को समझें और उन पर काम करें.

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पीएम मोदी ने छात्र छात्राओं से कहा, 'फेल होने से जिंदगी अटक नहीं जाती है. आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है कि किताबों से सफल होना है. जीवन में सफल होने का एक उपाय ये होता है कि अपने जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लें. जीवन सिर्फ प​रीक्षाएं नहीं हैं, जीवन को समग्रता में देखना चाहिए. अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर अपने आप को अलग थलग मत करिए. खुद को प्रेरित करने के लिए दूसरों की मदद लें. सहायता के लिए परिवार के सदस्यों या वरिष्ठजनों से जुड़ें. स्वयं को चुनौती दें और एक लक्ष्य निर्धारित करें. उस लक्ष्य को प्राप्त करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा.'

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