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बिहार चुनाव से पहले गिरिराज सिंह की 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा', हिंदू एकता पर जोर

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर से 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना है. यात्रा बिहार के मुस्लिम बहुल जिलों से होकर गुजरेगी, और इसे 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अहम राजनीतिक कदम माना जा रहा है.

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह. (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह. (फाइल फोटो)

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर से 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. इसका उद्देश्य हिंदू समुदाय को एकजुट करना बताया जा रहा है जिसका विषय है- 'संगठित हिंदू - सुरक्षित हिंदू', जिसमें हिंदुओं की एकजुटता पर जोर दिया गया है. यात्रा का पहला चरण 18 अक्टूबर को भागलपुर से शुरू होगा और 22 अक्टूबर को किशनगंज में समाप्त होगा.

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गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर को भागलपुर, 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया, 21 अक्टूबर को अररिया, और 22 अक्टूबर को किशनगंज पहुंचेंगे. यह बात गौर करने लायक है कि ये सभी जिले मुस्लिम बहुल हैं, जहां उनकी यात्रा के दौरान हिंदू एकजुटता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

गिरिराज सिंह के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, 'बांग्लादेश में हिंदू बहनों और बेटियों पर हुए अत्याचार की पृष्ठभूमि में, भारत में भी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है, इसलिए चरमपंथी ताकतों से बचने के लिए हिंदू समुदाय को एकजुट करना जरूरी है.' 

पिछले कुछ दिनों में गिरिराज सिंह ने देश में हिंदू समुदाय की एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने हाल ही में हरियाणा में बीजेपी की जीत को हिंदू एकता का परिणाम बताया, क्योंकि वहां जातीय आधार पर विभाजन नहीं हुआ था.

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गिरिराज सिंह की यात्रा को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की यात्रा का जवाब भी माना जा रहा है. तेजस्वी यादव ने 10 सितंबर से अपनी यात्रा शुरू की थी, जहां उन्होंने विभिन्न जिलों का दौरा कर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. तेजस्वी ने दुबई से लौटने के बाद अपनी यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत 16 अक्टूबर से करने जा रहे हैं, जो 26 अक्टूबर को समाप्त होगी. इस दौरान वे बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, और गया का दौरा करेंगे. 

गिरिराज सिंह की यह यात्रा आगामी 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र हिंदू समुदाय को एकजुट करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है.

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