दिल्ली में आयोजित जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर पहली बार नीतीश कुमार ने बयान दिया है.
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में संजय झा की नियुक्ति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, मैंने उन्हें राज्यसभा भेजा है.' वह यहां का काम देखेंगे, राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय करेंगे. उन्होंने कहा, पहले से ही कई राज्यों का प्रभार दिया गया था, इसलिए मैंने उनका नाम प्रस्तावित किया और सभी ने स्वीकार कर लिया.
बिहार के सीएम ने कहा, अब ये यहां रहेंगे तो पूरा का पूरा सब जगह का काम देखेंगे और सब लोगों से बात करेंगे ये अच्छा रहेगा. वहीं ललन सिंह को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, किसको बनाना था, आखिर देना हमी को ना था तो इनको बनाया है, यही मंत्री रहेंगे.
वहीं दूसरी तरफ कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिलने के बाद संजय झा ने इस पर खुशी जताई और आभार भी जताया. उन्होंने X पोस्ट में कहा कि, जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का महती दायित्व सौंपने के लिए मैं पार्टी के आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति हृदय से कोटिश: आभार प्रकट करता हूं. मैं पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सम्मानित नेताओं के प्रति भी दिल की गहराइयों से आभार जताना चाहता हूं कि आपने इतने बड़े दायित्व के लिए मुझ पर विश्वास जताया है.
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे नेता ने 'न्याय के साथ विकास' की राजनीति के जरिये गांधी, आंबेडकर, लोहिया, जेपी और कर्पूरी जी के विचारों तथा विरासत को जिस प्रकार एक मुकाम तक पहुंचाया है, उसे आगे बढ़ाने के प्रयासों में हमें आप सभी का मार्गदर्शन और पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता साथियों का स्नेह, समर्थन और सहयोग निरंतर प्राप्त होगा, इस आशा और विश्वास के साथ मैं नई जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा-समर्पण के साथ निर्वाह करने के लिए संकल्पित हूं.'
वहीं संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर जेडीयू के प्रमुख नेता और नीतीश के करीबी अशोक चौधरी ने कहा, 'उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का प्रस्ताव नीतीश कुमार ने दिया था जो सर्वसम्मति से पारित हो गया.'
उन्होंने कहा, 'संजय झा बीजेपी- एनडीए के साथ बेहतर तरीके से तालमेल बिठा पाएंगे.' उन्होंने कहा, 'चूंकि नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त रहेंगे, इसलिए झा अन्य राज्यों में संगठन और चुनाव की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.'