जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन 'ललन सिंह' ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नेता जी (मुलायम सिंह यादव) की पहचान 1974 के आंदोलन से बनी और आज अखिलेश जी उनके (कांग्रेस) ही साथ हैं. मैसूर-दरभंगा रेल हादसे पर उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसे होते रहते हैं.
'जानबूझकर कराई जा रही दुर्घटना'
पत्रकारों से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा, 'बिहार में सुख, शांति, समृद्धि बनी रहे यही हम लोग माता से आराधना करते हैं. पिछले 20-22 साल से बिहार में जैसा महौल है, आपसी भाईचारे का, सांप्रदायिक सद्भाव का, ये भाईचारा बना रहे यही माता से प्रार्थना है.'
मैसूर-दरभंगा रेल हादसे पर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ये होता रहता है. आपने देखा होगा कि कई जगहों पर लोग ट्रैक पर कुछ रख देते हैं. जानबूझकर दुर्घटना कराई जा रही है. उसकी जांच रेल मंत्रालय कर रहा है. उस पर कार्रवाई होगी.'
'कौन अखिलेश जी?'
ललन सिंह से पूछा गया कि हाल ही में अखिलेश यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार को एनडीए से समर्थन वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा, 'कौन अखिलेश जी... आज नेता जी (मुलायम सिंह यादव) की आत्मा कराह रही होगी. आंदोलन करके नेता जी की पहचान बनी, 1974 के आंदोलन में. आज अखिलेश जी उसकी (कांग्रेस) गोद में बैठे हुए हैं.
क्या था अखिलेश यादव का बयान?
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने जेडीयू चीफ नीतीश कुमार से एनडीए से समर्थन वापस लेने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि यूपी में भाजपा सरकार समाजवादियों को जेपी नारायण को श्रद्धांजलि देने से रोक रही है.
अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुये जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा था, 'अखिलेश को गठबंधन तोड़ने की सलाह देने के बजाए खुद आत्ममंथन करना चाहिए. अखिलेश यादव ने जेपी के जीवन मूल्यों को किस हद तक अपनाया है?'