बिहार में नई सरकार के गठन से लेकर फ्लोर टेस्ट के नतीजे आने तक सियासी पारा हाई रहा. राज्य की जनता ने कई उतार-चढ़ाव देखे. जनवरी की सर्दी में बीती रात बिहार का सियासी पारा सबसे हाई था. राजनेताओं के बंगलों में हलचल से लेकर रात में शांत रहने वाली सड़कों पर गाड़ियां फर्राटे भरती भी देखी गईं. इन सबके बीच सुबह के सूरज के साथ ही नीतीश सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया.
इसके बाद बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप तिरंगा लेकर अपने समर्थकों के साथ विधानसभा गेट पर पहुंच गए. भारी भीड़ के बीच उन्होंने बिहार की जनता जिंदाबाद, बिहार का छात्र जिंदाबाद, बिहार का किसान जिंदाबाद के साथ ही जय श्रीराम का उद्घोष किया.
मनीष ने कहा, आज तिरंगा और सत्य जीत गया है. मेरे घर की कुर्की की गई थी. आज इनकी कुर्सी की कुर्की हो गई है. पूरी दुनिया देख रही है. ये लोग कह रहे थे कि खेला होगा. मेरे साथ खेला करने वालों के साथ आज खेला हो गया. इन्होंने मेरे साथ बेवजह और बेबुनियाद खेला किया था.
'मैं नौ महीने जेल काटकर आया हूं, जबकि निर्दोष था'
यूट्यूबर ने कहा, मैं नौ महीने जेल काटकर आया हूं, जबकि निर्दोष था. एनएसए लगाया गया था, जिस पर कोर्ट से क्लीन चिट मिला. मुझे किसी के कोई खतरा नहीं है. मैं किसी से नहीं डरता हूं. हम जय श्रीराम कहने वाले लोग हैं. इस दौरान मनीष कश्यप से एक व्यक्ति भिड़ गया और उसने कई आरोप लगाए.
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बता दें कि मनीष कश्यप नौ महीने बाद बीते साल दिसंबर महीने में जेल से बाहर आए थे. इसके बाद से वो लगातार खुद पर हुई कार्रवाई को लेकर हमला बोलते रहे हैं. जेल से आने के बाद उन्होंने कहा था, बिहार में राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा. हम सबको मिलकर बिहार को बदलना है. देश के टॉप 3 राज्यों में बिहार को लाना है.
'आज तक दलित और ओबीसी का विकास नहीं हुआ'
मनीष ने कहा था, भारत के राज्यों की किसी भी राजधानी से पटना की तुलना करें तो पटना 40 साल पीछे है. बिहार को कोई नहीं चला है वो खुद ही चल रहा है. यहां की सरकार सिर्फ अपनी कुर्सी बचा रही है. बिहार में शहीद का शव आता है तो सरकार का कोई नेता श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचता है.
यूट्यूबर ने कहा, जब मैं बेउर जेल में था तो अखबार पढ़ता था. उसमें 100 में से 90 खबरें हत्या लूट और रंगदारी की होती थी. मुझे जेल में अलग रखा गया था पता नहीं किस बात की खुन्नस थी. 1990 से 2023 तक, लालू यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री रहे.
उन्होंने कहा था, आज तक दलित और ओबीसी का विकास नहीं हुआ. ये लोग गंदी राजनीति करते हैं, कब तक राजा के बेटा को राजा बनेगा. अब एक चाणक्य चाहिए, जो बिहार के गरीब लोगों का प्रतिनिधित्व करे. मैं लोगों को जगाने का काम कर रहा हूं, जिन्हें कुर्सी मिल गई वो बैठा गए, वो हटने का नाम नहीं लेते.