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मुसलमान वोटर्स पर ललन सिंह ने क्या बोला? बिहार में छिड़ी सियासी जंग, अशोक चौधरी और शकील अहमद भी कूदे

ललन सिंह ने अल्पसंख्यों को लेकर कहा है कि ये लोग (मुसलमान) नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं. ये लोग तो उनको वोट देते हैं, जिनके राज में मदरसे के शिक्षकों का वेतन तीन से चार हजार था. जबकि आज सातवां वेतन आयोग का वेतन मिल रहा है.

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जेडीयू नेता ललन सिंह
जेडीयू नेता ललन सिंह

केंद्रीय मंत्री और नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता ललन सिंह के एक बयान ने बिहार में सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय JDU को वोट नहीं देते, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी के लिए काम करते हैं.

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ललन सिंह ने आगे कहा,'इस वहम में मत रहिए कि पहले नहीं, लेकिन अब देते हैं. ये लोग (मुसलमान) उनको वोट देते हैं, जिनके राज में मदरसे के शिक्षकों का वेतन तीन से चार हजार था. जबकि आज सातवां वेतन आयोग का वेतन मिल रहा है.' 

नीतीश कुमार का कोई धर्म नहीं: चौधरी

ललन सिंह के बयान पर JDU मंत्री अशोक चौधरी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा,'उनके (ललन सिंह) कहने का वो मतलब नहीं है, जो विपक्ष बताना चाह रहा है. नीतीश कुमार ना मुसलमान हैं, न हिंदू, ना सिख और न ईसाई. नीतीश कुमार इंसान हैं. सबके लिए एक बराबर काम कर रहे हैं.'

कांग्रेस ने भी ललन सिंह पर साधा निशाना

ललन सिंह के बयान पर कांग्रेस का भी बयान आया है. बिहार कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान ने ललन सिंह के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है. शकील अहमद ने कहा है कि उनके (ललन सिंह) पास एक्स-रे मशीन है क्या? ललन के बयान का जिक्र करते हुए शकील अहमद ने कहा कि वो (ललन सिंह) सिर्फ चमचागिरी करते हैं.

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RJD ने ललन के बयान पर साधा निशाना

ललन सिंह के बयान पर बिहार में सियासत गर्म हो गई है. उनके बयान की RJD विधायक और पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी ने कड़ी निन्दा की है. मंसूरी ने कहा है कि उन्होंने (ललन सिंह) जदयू के मुस्लिम नेताओं को सोचने वाली बात कही है. बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी में मुस्लिमों ने वोट नहीं दिया तो जीते कैसे?

'संवैधानिक पद पर ये नहीं कहना चाहिए'

इसराइल मंसूरी ने आगे कहा,'उन मुसलमानों को सोचना चाहिए, जो अब भी JDU की बात सोचते हैं. केंदीय मंत्री ललन सिंह पर तीखा हमला करते हुए इसराइल मंसूरी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को यह बात नहीं कहना चाहिए.
नीतीश कुमार की पार्टी और उनके कुछ नेता RSS और BJP की गोद में बैठे हैं. इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. इससे नीतीश कुमार की छवि और पार्टी दोनों समाप्त हो जाएगी.'

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