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नीतीश कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, शिक्षा विभाग से चंद्रशेखर की छुट्टी, तीन मंत्रियों के विभाग बदले

बिहार सरकार में शनिवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. नीतीश कैबिनेट में तीन मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है. ये मंत्री चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव हैं. अभी तक शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे चंद्रशेखर अब गन्ना विकास विभाग देखेंगे. आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.

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बिहार सरकार में शनिवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. नीतीश कैबिनेट में तीन मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है. ये मंत्री चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव हैं. अभी तक शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे चंद्रशेखर अब गन्ना विकास विभाग देखेंगे. आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, मंत्री ललित यादव को भूमि राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. 

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बताते चलें कि ये सभी मंत्री आरजेडी कोटे के हैं. ललित यादव के पास पहले से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग है. शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे चंद्रशेखर की छुट्टी कर उनकी जगह आलोक मेहता को इस विभाग का मंत्री बनाया गया है. चंद्रशेखर का शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के साथ लंबा विवाद रहा है. के के पाठक लंबी छुट्टी के बाद कल काम पर वापस लौटे थे. 

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बता दें कि बिहार में राजनीतिक घमासान चल रहा है. मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव से पहले नीतीश कुमार ने पार्टी की नई टीम की भई घोषणा की. इस टीम में ललन सिंह को जगह नहीं मिली है. केसी त्यागी को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गईं. इस टीम में पुराने नेताओं को तरजीह दी गई है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.

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केसी त्यागी को सीएम नीतीश का सलाहकार बनाया गया

पूर्व राज्यसभा सांसद केसी त्यागी को राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ ही सीएम नीतीश का राजनीतिक सलाहकार भी बनाया गया है. सांसद आलोक कुमार सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा मंगनी लाल मंडल, रामनाथ ठाकुर, संजय झा, अली अशरफ फातमी, कहकंशा परवीन, आफाक आलम, श्रीभगवान सिंह कुशवाहा, पिल हरिश्चंद्र पाटिल, राज सिंह मान, इंजीनियर सुनील कुमार और रामसेवक सिंह को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान से बिहार में घमासान

उधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान के बाद बिहार में घमासान मचा हुआ है. दरअसल, अमित शाह ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जेडीयू और नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की संभावना पर टिप्पणी की थी. उनसे पूछा गया था कि क्या नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे अब भी खुले हैं? इसके जवाब में गृहमंत्री शाह ने कहा- प्रस्ताव आएगा तो विचार करेंगे.

उनके बयान के बाद जेडीयू और राजद के रिश्तों में कड़वाहट की चर्चाएं होने लगीं. इस बीच बिहार भाजपा नेता संजय सरावगी का भी बयान आया. उन्होंने कहा है, अगर नीतीश कुमार उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हैं, तभी उनका स्वागत होगा. नीतीश कुमार फिलहाल INDI गठबंधन में कांग्रेस, लालू और तेजस्वी के साथ हैं. 

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उन्होंने आगे कहा कि INDI गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है. अगर नीतीश कुमार बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी में आते हैं, तो उनके स्वागत के लिए हम तैयार हैं. INDI गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आपस में मार काट मची हुई है.

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