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Nitish Kumar: पाला बदलेंगे, विधानसभा भंग करेंगे या कोई और सरप्राइज? नीतीश आज दोपहर बाद ले सकते हैं गठबंधन पर बड़ा फैसला

इंडिया ब्लॉक के अगुवाकार नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की चर्चा तेज हो गई है. पहले विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं से मतभेद की खबरें आईं. अब बिहार सरकार में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी से नाराजगी के किस्से आम हो गए हैं. गहराते मतभेदों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर NDA से हाथ मिलाने की संभावना के बीच बीजेपी नेताओं ने गुरुवार को ताबड़तोड़ बैठकें कीं.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार साल 2022 में महागठबंधन में शामिल हुए थे.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार साल 2022 में महागठबंधन में शामिल हुए थे.

बिहार की राजनीति में भूचाल है. जेडीयू से लेकर आरजेडी और बीजेपी खेमा अलग-अलग बैठकें कर रहा है. दिल्ली से पटना तक नेताओं की व्यस्तता है. कहा जा रहा है कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने का मूड बना रहे हैं और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी कर सकते हैं. इसकी वजहें भी गिनाई जा रही हैं. हालांकि, आरजेडी खेमा मान-मनोव्व्ल में जुटा है. अंतिम फैसला सरप्राइजिंग नेता नीतीश कुमार को ही लेना है. आज दोपहर तक नीतीश अपना फैसला सुना सकते हैं.

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दरअसल, बिहार में राजनीतिक हलचल की खबरें तो एक हफ्ते से चल रही थीं. लेकिन, जनननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक खेला और बिहार में सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई. बीजेपी ने दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया है. उसके बाद श्रेय लेने की राजनीति शुरू हुई और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू तीनों दलों के नेता आपस में भिड़ गए. 

'नीतीश ने परिवारवाद पर हमला बोला तो गरमा गया माहौल'

अगले दिन जब जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती का अपना अलग कार्यक्रम रखा तो उसमें परिवारवाद पर सीधा बोला. नीतीश का कहना था कि जैसे कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया, वैसे ही हम भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते हैं. जबकि कुछ लोग तो अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं. नीतीश के इस हमले को खासतौर पर आरजेडी में लालू परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार से जोड़कर देखा गया.

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'दिल्ली से लेकर पटना तक ताबड़तोड़ बैठकें'

फिर क्या था. लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बिना नाम लिए नीतीश पर पलटवार कर दिया. रोहिणी ने सिलसिलेवार तीन ट्वीट किए और तीनों में नीतीश पर परिवार से लेकर उनके सार्वजनिक जीवन पर तंज कसा. नीतीश को जानकारी मिली तो उन्होंने तल्ख तेवर दिखाए और अपने पीआर टीम से रिपोर्ट तलब कर ली. उसके बाद से शुरू हुआ बिहार की राजनीति में हलचल का दौर. बीजेपी ने अपने प्रदेश नेतृत्व को दिल्ली तलब कर लिया. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और एलओपी विजय कुमार सिन्हा समेत राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की. उधर, पटना में मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव ने करीबी नेताओं के साथ बैठकें की. आगे की रणनीति और सियासी भविष्य को लेकर चर्चा और मंथन शुरू कर दिया.

'आज दोपहर में फैसला ले सकते हैं नीतीश'

बिहार की राजनीति के लिए आज शुक्रवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि दोपहर बाद नीतीश कुमार गठबंधन को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं. बिहार विधानसभा के भंग होने की भी अटकलें तेज हो गई हैं. अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव के साथ बिहार में विधानसभा का चुनाव हो सकता है.

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'जादुई आंकड़ा हासिल करने की कोशिश में लालू खेमा'

जानकार कहते हैं कि राजद के साथ गठबंधन पर नीतीश कुमार ही अंतिम फैसला लेंगे. राजद किसी कीमत पर गठबंधन नहीं तोड़ना चाहती है. यही वजह है कि जब पार्टी को रोहणी आचार्य के ट्वीट के बारे में जानकारी हुई तो उन्हें कुछ ही घंटे में डिलीट करवा दिया गया. स्पीकर से लेकर प्रदेश के नेताओं से चर्चा शुरू हुई और डैमेज कंट्रोल के लिए उपायों पर भी बात हुई. इसके साथ ही लालू यादव खेमे ने बिहार विधानसभा में 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए प्रयास शुरू कर दिए.

'आज दिल्ली में शाह से मिलेंगे चिराग पासवान'

वहीं, दिल्ली में बीजेपी हाईकमान लगातार बैठकें कर रहा है. नीतीश के एनडीए में वापस आने की खबरों के बीच बीजेपी ने अपने सहयोगियों को भी मनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसमें नीतीश के विरोधी रहे जीतन राम मांझी और चिराग पासवान का नाम शामिल है. आज लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान को दिल्ली बुलाया गया है. चिराग शाम को अमित शाह से मुलाकात करेंगे और बिहार के राजनीतिक माहौल पर बात कर सकते हैं. इससे पहले पटना में बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने मांझी से लंबी मुलाकात की थी.

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'बीजेपी के पास दो विकल्प'

इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी को अभी तक नीतीश कुमार का कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है. ऐसे में बीजेपी के पास दो विकल्प हैं. पहला- विधानसभा भंग करवा कर लोक सभा चुनाव के साथ विधानसभा के चुनाव करवाने का. दूसरा- नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देना. लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेता नीतीश कुमार को सीएम बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं. यही वजह है कि हाईकमान स्थानीय नेतृत्व को भरोस में लेकर ही किसी निर्णय तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. गुरुवार शाम बीजपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े और बीजेपी के अन्य नेता अमित शाह के घर मिलने पहुंचे थे.

'NDA में शामिल होने का खंडन कर रहे हैं नेता'

हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना था कि यह बैठकें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारियों के संबंध में हो रही हैं. जद (यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने चर्चाओं का खंडन किया और कहा, INDIA ब्लॉक सलामत है. गठबंधन में सब कुछ ठीक है. हमारी पार्टी खुद को इंडिया ब्लॉक का जनक मानती है. हमने राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उन चिंताओं को दूर करने के लिए कहा है, जो तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे सहयोगियों ने जताई हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और पंजाब में AAP अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं.

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'नीतीश के लिए तैयार हो गया मंच'

वहीं, बीजेपी के एक सहयोगी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन सरकार के पतन के लिए मंच तैयार हो गया है. बिहार में इंडिया गुट के सबसे बड़े घटक राजद से नाता तोड़ने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए नीतीश कुमार का समर्थन और स्वागत करेगा. नीतीश ने साल 2022 में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ा था और राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिलाया था.

'नीतीश ने न्याय यात्रा में शामिल होने से किया इंकार'

इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, नीतीश ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने से भी इनकार कर दिया है. यह यात्रा 30 जनवरी को बिहार में प्रवेश करने वाली है. उन्होंने 4 फरवरी को झारखंड में अपनी रैली को भी रद्द कर दिया है.

बिहार में अभी क्या है विधानसभा का गणित...

- राजद: 79
- बीजेपी: 78
- जद (यू): 45
- कांग्रेस: ​​19
- वामपंथी दल: 16
- HAM (S): 4
- AIMIM: 1
- निर्दलीय: 1
कुल: 243
   
विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सदस्यों का होना जरूरी है.
   
सत्तारूढ़ गठबंधन/महागठबंधन (159)

- राजद- 79
- जदयू- 45
- कांग्रेस- 19
- वाम दल- 16

विपक्ष (82)

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- बीजेपी- 78
- HAM (S)-4

अन्य (2)

- AIMIM- 1
- निर्दलीय- 1

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