बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार पर मुहर लग गई है. दो दिन पहले ही सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित किया है. लेकिन, अब चौंकाने वाली खबरें आ रही हैं कि सत्तारूढ़ जेडीयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी और ये साजिश पार्टी के अंदरखाने ही रची गई थी. इस मामले में मंगलवार को जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना की कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मुझे विश्वास मत से पहले राजद 'महागठबंधन' में जाने के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत और कैबिनेट मंत्री पद की पेशकश की गई थी.
सुधांशु शेखर जेडीयू से मधुबनी जिले की हरलाखी सीट से विधायक हैं. पटना के पुलिस उपाधीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि सुधांशु शेखर ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में पार्टी के ही विधायक संजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. एएसपी प्रसाद ने कहा, विधायक शेखर ने 11 फरवरी को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. हमने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है.
'विधानसभा में नीतीश सरकार ने जीता विश्वास मत'
बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया था. विश्वास मत से पहले महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद के तीन विधायक सत्तारूढ़ गठबंधन (NDA) में शामिल हो गए थे. फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के अन्य नेताओं ने 'खेला' होने का बयान दिया था, जिसके बाद बीजेपी ने जबरदस्त फील्डिंग सेट कर दी थी. फ्लोर टेस्ट के बाद अब सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.
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'एनडीए के खिलाफ माहौल बनाने की साजिश थी'
जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने शिकायत में कहा, पार्टी एमएलए संजीव कुमार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के खिलाफ माहौल बनाने में मदद करने के लिए कहा था और मुझे बड़ी रकम देने और कैबिनेट में जगह दिलाने की पेशकश की थी. उन्होंने संजीव पर पार्टी के दो अन्य विधायकों को भी विश्वास मत में हिस्सा लेने से रोकने के लिए 'अपहरण करने की कोशिश' करने का आरोप लगाया है.
'मैं ईमानदार व्यक्ति हूं...'
इससे पहले बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में शेखर ने कहा, हां, मुझे मंत्री पद के अलावा 'पांच' (मतलब 5 करोड़ रुपये) का प्रस्ताव मिला और बाद में इतनी ही राशि का प्रस्ताव मिला. चूंकि मैं एक ईमानदार व्यक्ति हूं और मुझे अपने नेता नीतीश कुमार पर भरोसा और विश्वास है. मैं अकेला पार्टी विधायक नहीं था, कई अन्य विधायकों को भी इसी तरह का ऑफर दिया गया था. सुधांशु ने प्राथमिकी में आरोप लगाया, पूरे प्रकरण में जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार की भूमिका संदिग्ध है. वह (संजीव) पार्टी विधायकों को राजद के पक्ष में वोट देने के लिए प्रलोभन दे रहे थे.
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'मैं निर्दोष हूं, नीतीश कुमार हमारे नेता'
वहीं, सुधांशु शेखर के आरोपों पर संजीव कुमार ने प्रतिक्रिया दी और कहा, मैं निर्दोष हूं और मैं नीतीश कुमार जी को अपना नेता मानता हूं. जहां तक मेरी पार्टी के विधायक (सुधांशु) द्वारा लगाए गए आरोपों की बात है, मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि उन्हें (सुधांशु) पार्टी नेताओं के एक गुट द्वारा मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है.
'मुझे बदनाम करने की साजिश'
उन्होंने आगे कहा, मेरी पार्टी में दो नेता हैं जिन्हें मैं बिल्कुल पसंद नहीं करता. वे मुझे बदनाम करने के इस कदम के पीछे हैं. जब सुधांशु मीडिया से बातचीत कर रहे थे तो मैं वहां गया और उनसे उन आरोपों के बारे में पूछा जो उन्होंने लगाए हैं. लेकिन जैसे ही मैंने पत्रकारों के सामने उससे (सुधांशु) पूछना शुरू किया, वह भाग गए. मैं सुधांशु को जानता हूं. वह एक अच्छे इंसान हैं. वह (सुधांशु) मेरी पार्टी के दो 'चिरकुट' नेताओं के निर्देश पर काम कर रहे हैं, जिन्हें मैं पसंद नहीं करता हूं.
बताते चलें कि 12 फरवरी को पुलिस ने रांची से लौटते वक्त नवादा में जेडीयू विधायक संजीव कुमार को रोक लिया था और सुरक्षा में पटना भेजा गया था. संजीव, परबत्ता सीट से विधायक हैं.
'बीमा भारती के पति और बेटे को जेल'
इधर, जेडीयू की ही दूसरी विधायक बीमा भारती के पति और बेटे को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया है. बीमा पूर्णिया जिले की रुपोली से एमएलए हैं. पुलिस ने बीमा भारती के पति अवधेश मंडल को अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बता दें कि बीमा भारती उन पांच विधायकों में से एक थी, जिससे पार्टी पिछले दो-तीन दिनों से संपर्क नहीं कर पा रही थी और आशंका जताई जा रही थी कि यह लोग आरजेडी के साथ मिल गए हैं.
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बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास मत से पहले चर्चा थी कि जेडीयू विधायक बीमा भारती बागी हो सकती हैं. दरअसल, कहा जा रहा है कि आरजेडी ने एनडीए के 8 विधायकों को साथ लेकर नीतीश सरकार को गिराने का प्लान बनाया था. इसमें जेडीयू के पांच और बीजेपी के तीन विधायक शामिल थे.
जेडीयू के पांच विधायकों में बीमा भारती, मनोज यादव, सुदर्शन, डॉ संजीव और दिलीप राय शामिल थे. वहीं, बीजेपी के विधायकों में रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल यादव थे. लेकिन रविवार रात को एनडीए भांप गया था कि उनके साथ 'खेला' होने वाला है. इस वजह से एनडीए ने सरकार बचाने का ऑपरेशन शुरू हुआ. जेडीयू के विधायकों डॉ संजीव, सुदर्शन और मनोज यादव को सुबह तक ढूंढ निकाला गया.