Parliament Security Breach Case: बीते 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों को अब योद्धा बताया जा रहा है. इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी ललित झा बिहार के दरभंगा का रहने वाला है. यहां उसके घर के बाहर बड़ा बैनर लगाया गया है, जिसमें ललित समेत सभी 6 आरोपियों की तस्वीर है और उन्हें योद्धा बताया गया है.
जानकारी के अनुसार, मुंबई की एक वकील कल्पना इनामदार ने यह पोस्टर लगवाया है. कल्पना ने कहा है कि उन्होंने ललित झा के परिवार वालों से एफिडेविट लिखवा लिया है कि अब ललित झा का केस वह खुद लड़ेंगी.
दिल्ली संसद भवन के अंदर हुए हंगामे के तार दरभंगा से जैसे ही जुड़े, जांच एजेंसी ATS और दिल्ली पुलिस ने ललित झा के दरभंगा में स्थित पैतृक घर पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. ललित झा दरभंगा के बहेड़ा थाना इलाके के रामपुर उदय गांव का रहने वाला है. जांच एजेंसी ललित के घरवालों से पूछताछ कर निकली. इसके बाद यहां एक नया घटनाक्रम देखने को मिला.
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गांव में ललित झा के घर पर एक पोस्टर लगाया था, जिसमें संसद भवन के सभी आरोपियों की तस्वीरें हैं. बैनर के माध्यम से ललित झा सहित सभी आरोपियों को क्रांतिकारी योद्धा बताया गया है. पोस्टर पर कई चीजें लिखी हैं, जिसमें देश की बढ़ती बेरोजगारी के कारण ऐसे कदम उठाने की बात लिखी गई है. हालांकि ललित के उठाए गए कदम को गलत बताया गया है, लेकिन ललित के इरादे को गलत नहीं कहा गया है.
यहां देखें वीडियो
कौन हैं पोस्टर लगाने वाली महिला कल्पना इनामदार?
पोस्टर लगाने वाली महिला कल्पना इनामदार हैं. कल्पना खुद को राष्ट्रीय लोक आंदोलन की कार्यकारी अध्यक्ष बता रही हैं. वे मुंबई से ललित की मदद के लिए दरभंगा आईं और परिवार वालों से मिलकर मदद की बात कही. ललित के परिजनों ने भी कल्पना से मदद के लिए दस्तावेज तैयार कराए. बैनर पोस्टर लगाने वाली महिला कल्पना इनामदार ने वीडियो मैसेज में भी संसद कांड के सभी आरोपियों को क्रांतिकारी योद्धा बताया है.
कल्पना ने कहा- उनका इरादा संसद में बैठे लोगों को जागृत करना था
कल्पना इनामदार ने वीडियो में कहा है कि ललित झा क्रांतिकारी योद्धा है. उसने हिम्मत दिखाई है. उसे पता था कि वह शहीद होनेवाला है. उसने हमें बोला था कि जब तक हम शहीद नहीं होंगे, तब तक देश जागृत नहीं होगा. कोई यहां सुननेवाला नहीं है. मुद्दा बड़ा बनाने के लिए ही उन लोगों ने ये किया. उनका इरादा गलत नहीं था. उनका तरीका जरूर गलत था. उनका इरादा संसद में बैठे लोगों को जागृत करना था, ताकि बेरोजगारी पर संसद में बात हो, लेकिन आज सरकार उन सभी युवाओं को आतंकवादी बनाने में लगी है.
ललित के पिता से भी जांच एजेंसी ने की है पूछताछ
बीते दिनों ललित झा के पिता देवानंद झा ने बताया था कि उनके घर पर दिल्ली पुलिस और ATS के लोगों ने आकर पूछताछ की. सभी तरह की जानकारी उन्हें दी गई. कोलकता वाले घर की तलाशी के लिए चाबी की मांग की, वो चाबी भी देने को तैयार थे. घर के सामान की सुरक्षा की गारंटी की मांग की तो उन लोगों ने चाभी नहीं ली. सिर्फ ललित के बारे में उसके मन मिजाज के बारे में जानकारी ली.
13 दिसंबर को संसद में हुई थी घटना
बता दें कि 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन की घटना हुई थी. इसका वीडियो भी सामने आया. दरअसल, दो युवक विजिटर गैलरी से अचानक छलांग लगाकर सांसदों के बीच पहुंच गए थे. उस दिन साल 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी थी. संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने सागर शर्मा और मनोरंजन डी थे.
इन दोनों ने शून्यकाल के दौरान लोकसभा की गैलरी में छलांग लगाई. इसके बाद कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए थे. उसी समय संसद परिसर के बाहर एक महिला व दो अन्य लोगों ने नारेबाजी की और कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा था. ये दोनों सांसद के नाम पर लोकसभा visitor पास लेकर पहुंचे थे. दोनों को संसद में पकड़कर हिरासत में रखा गया.
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इसके बाद मौके पर पहुंचीं सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की, फिर दिल्ली पुलिस (delhi police) स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान इस घटना के आरोपी सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल के मोबाइल फोन पूरी साजिश के मास्टरमाइंड ललित ने अपने पास रख लिए थे. संसद के अंदर और बाहर जिस रंगीन धुआं छोड़ने वाले कनस्तरों का उपयोग किया गया, उन्हें अमोल ने महाराष्ट्र के कल्याण से खरीदा था.
ललित ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था घटना का वीडियो
मास्टरमाइंड ललित झा ने बाद में इस पूरी घटना का वीडियो अपने इंस्टाग्राम (Instagram) पर पोस्ट किया था. नीलम व अमोल को संसद के बाहर से हिरासत में लिए जाने के बाद इसे ग्रुप के एक सदस्य विशाल शर्मा उर्फ विक्की के साथ भी शेयर किया था. ललित झा ने सभी को गुरुग्राम में मीटिंग के लिए बुलाया था. उसी ने वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था.