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'मुसलमान पसंद नहीं करता लालू जी को, लेकिन डर की पॉलिटिक्स...', PK ने बिहार में वोटर की समझाईं मजबूरियां

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि लालू यादव को मुसलमान पसंद नहीं करता, लेकिन आरजेडी को वोट करता है. उन्होंने बिहार में वोटर मजबूरियां समझाते हुए कहा कि यहां 40 से 50 फीसदी निगेटिव वोटिंग हो रही है. लालू यादव के डर से बीजेपी, बीजेपी के डर से लालू, बिहार में इसी पैटर्न पर वोटिंग हो रही है.

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

जन सुराज के सूत्रधार ने बिहार में डर की राजनीति को लेकर लालू यादव और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है. आजतक से बात करते हुए पीके ने जन सुराज पार्टी को लेकर कहा कि जो लोग लालू के डर से बीजेपी और बीजेपी के डर से लालू को वोट करते आए हैं, उन लोगों ने मिलकर दल बनाया है. मेरी भूमिका तो बस कुम्हार की है जो अच्छी मिट्टी इकट्ठी करता है और चाक से थोड़ी मदद कर देता है. घड़ा तो मिट्टी और चाक से ही बनता है. पीके ने कहा कि पिछले ढाई साल से गांव-गांव में घूमकर जो कर रहा हूं, वह अच्छी मिट्टी के लिए ही है और जन सुराज चाक है.

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उन्होंने कहा कि खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली बीजेपी बिहार में 60 से 65 लाख कार्यकर्ता होने का दावा करती है. जन सुराज एक करोड़ सदस्यों के साथ शुरुआत कर रहा है. एक करोड़ लोगों के नाम-पता हम जल्द जारी करेंगे. पीके ने दावा किया कि ये बताता है कि बिहार में बड़ी संख्या में लोग बदलाव चाहते हैं. उन्होंने कहा लालू यादव हों या नीतीश कुमार, केवल अपने समाज के बल पर राजनीति नहीं करते हैं. इन्होंने अन्य समाज को जोड़ा है. नीतीश कुमार की जाति ईबीसी में नहीं है, इन्होंने ईबीसी को जोड़ा है.

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पीके ने कहा कि ईबीसी इसलिए नीतीश कुमार को वोट करता है, क्योंकि सामने से लालू यादव हैं और ईबीसी, सामान्य, दलित, गैर यादव ओबीसी आरजेडी से डरता है. उन्होंने कहा कि मुसलमान लालू को पसंद नहीं करता, बीजेपी से डरकर आरजेडी को वोट करता है. क्योंकि बीजेपी दंगाई पार्टी है, वो डरता है उससे. वो जानता है कि बीजेपी की सरकार आएगी तो हमारी भागीदारी-हिस्सेदारी नहीं होगी, हमारी बात नहीं सुनी जाएगी. पीके ने कहा कि उसी तरह जो गैर यादव जातियां हैं जिन्होंने आरजेडी का शासन देखा है, वह इनके डर से वोट देता है. जाति के आधार पर वोट नहीं देता. ऐसा होता तो मोदी जी के नाम पर बीजेपी को वोट नहीं मिलता क्योंकि उनकी जाति का तो बिहार में कोई है ही नहीं.

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उन्होंने दावा किया कि बिहार में लालू के डर से बीजेपी, बीजेपी के डर से लालू, इसी पैटर्न पर वोटिंग हो रही है. 40 से 50 फीसदी निगेटिव वोटिंग हो रही है. पीके ने कहा कि बिहार की जनता को जातियों में बंटा बताया जाता है. डर है गवर्नेंस से, उनकी जाति से डर नहीं है. बिहार की जनता ने लालू यादव को एक बार जिताया 1995 में, नीतीश कुमार को एक बार जिताया जब उनकी 117 सीटें आई थीं. उन्होंने कहा कि बाकी समय कांग्रेसियों ने चंद सांसदों के लालच में बिहार के बच्चों के भविष्य को लालू यादव के हाथों बेच दिया. तब लालू जंगलराज अपना चला पाए.

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पीके ने कहा कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो गलती कांग्रेस ने की, वही आज ये कर रहे हैं. ये भाजपाई जो हैं, पूरे देश से दूसरे दलों को तोड़कर उनके नेताओं को लाकर अपना दल बनाते हैं. उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां इनके 75 विधायक हैं, नीतीश के 42 हैं. अपना नहीं बना रहे, नीतीश को बना दिया है. इसलिए, क्योंकि दिल्ली में 10-12 सांसद चाहिए.

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