बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी 7 अप्रैल को एक दिवसीय दौरे पर पटना जा रहे हैं. इस दौरे के दौरान वे पटना के एसकेएम हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होंगे. यह इस साल में उनका तीसरा बिहार दौरा होगा. इससे पहले वे 18 जनवरी और 5 फरवरी को भी पटना आ चुके हैं.
संविधान सुरक्षा सम्मेलन में मुख्य फोकस
इस सम्मेलन में स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक न्याय के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी. मुख्य रूप से निम्नलिखित मुद्दे फोकस में रहेंगे:
- नमक सत्याग्रह आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में बापू जी की भूमिका.
- शहीद बुद्धु नोनिया जी की स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक शहादत.
- अमर शहीद प्रजापति रामचंद्र विद्यार्थी जी के बलिदान की गाथा.
- बाबू जगजीवन राम जी का स्वतंत्रता और सामाजिक समता में योगदान.
स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात
राहुल गांधी इस दौरे के दौरान बिहार कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेंगे. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनका यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. कांग्रेस इस बार अपनी रणनीति को मजबूत करने और संगठन को सक्रिय करने के प्रयास में जुटी है.
अमित शाह ने भी भाजपा नेताओं को दिया जीत का मंत्र
बता दें कि बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने भाजपा नेताओं से मुलाकात कर चुनावी चर्चा की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी की अहम बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया.
अमित शाह ने पार्टी नेताओं से कहा, आगामी विधानसभा चुनाव में केवल बीजेपी नहीं एनडीए की जीत सुनिश्चित करनी है. बीजेपी का हर नेता और कार्यकर्ता सहयोगी दल के उम्मीदवार को बीजेपी का उम्मीदवार मानकर उसकी जीत सुनिश्चित करे. अगले 5 साल में बाढ़ मुक्त बिहार यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है. प्रधानमंत्री इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं. 5 साल बाद कोई भी या नहीं कह पाएगा कि बिहार में बाढ़ की त्रासदी है. हमें बिहार में प्रचंड जीत हासिल करनी है.
नीतीश कुमार का नहीं हुआ जिक्र
शाह ने कहा कि किसी भी स्तर पर कोई मतभेद है तो उसे खत्म कर अर्जुन की तरह केवल भूत जीतने का लक्ष्य देखना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार के लिए जो काम हुआ है उसे लेकर जनता के बीच ज्यादा है. बिहार में पिछले दो दशक में बीजेपी के सरकार में रहते जो काम हुआ है उसे को भी जनता को बताना है. अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी के विजन की चर्चा की. अमित शाह के संबोधन में एक बार भी नीतीश कुमार का नाम नहीं आया. हमारा लक्ष्य है कि अगले दो से तीन दशक देश में बीजेपी मजबूती के साथ शासन करे. इसके लिए बिहार में बड़ी जीत हासिल करना जरूरी है.