बिहार में शिक्षक बहाली और आरक्षण को लेकर सियासी घमासान जारी है. राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) द्वारा महागठबंधन सरकार के दौरान बिहार में बढ़ाई गई 65% आरक्षण सीमा को लागू किए जाने को लेकर धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम के बाद आरजेडी कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या वह फिर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन कर सकते हैं? सवाल सुनते ही तेजस्वी भड़क गए. तेजस्वी ने कहा, 'हम गठबंधन क्यों करेंगे? मुद्दे से ध्यान भटकाने की प्रयास मत करिए. किसी को कोई ऑफर नहीं दिया जा रहा है. मेरे और आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव के अलावा गठबंधन पर बयान देने के लिए कोई भी अधिकृत नहीं है'.
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तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर कोई भी निर्णय सिर्फ लालू जी और मैं ले सकता हूं. नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी बोले- वह अब पहले जैसे नहीं रहे, सभाओं में उनकी भाषा से ये साफ स्पष्ट हो रहा है.
तेजस्वी ने बीजेपी पर बिहार में आरक्षण विरोधी एजेंडा चलाने का भी आरोप लगाया. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में जब आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई होती है तो बिहार सरकार के वकील मजबूत से अपना पक्ष नहीं रखती.
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तेजस्वी ने मांग की है कि आरक्षण कानून को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल किया जाए. जिससे अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी.
बता दें कि तेजस्वी और नीतीश महागठबंन के तहत 2015 में पहली बार एक साथ आए थे. लेकिन, 2017 में नीतीश कुमार ने पाला बदला और बीजेपी का हाथ थाम लिया. फिर 2022 में नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ा और तेजस्वी के साथ गठबंधन किया. नीतीश मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी उप-मुख्यमंत्री. हालांकि, ये गठबंधन ज्यादा नहीं चला. नीतीश 2024 में तेजस्वी के साथ गठबंधन तोड़कर एनडीए के साथ चले गए.