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1 जुलाई से बदल जाएंगी IPC की तमाम धाराएं, जानिए कैसी है बिहार पुलिस की तैयारी

पटना जिला के एक थाना के पुलिस अधिकारी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता को लेकर सभी को तीन दिनों की ट्रेनिंग दी गई है जो कि काफी कारगर साबित होगी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पुलिस पर निर्भर करता है और पुलिस अधिकारी पर कि उसने ट्रेनिंग कितने अच्छे से की है और उसका कितना फायदा उठाया जा सकता है.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे. सरकार ने अपने सभी संसाधनों के साथ एक जुलाई को इनके लागू होने की तैयारी भी पूरे जोश के साथ कर रखी है.
 
समझने में लगेगा दो तीन महीने का वक्त
 
पटना जिला के एक थाना के पुलिस अधिकारी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता को लेकर सभी को तीन दिनों की ट्रेनिंग दी गई है जो कि काफी कारगर साबित होगी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पुलिस पर निर्भर करता है और पुलिस अधिकारी पर कि उसने ट्रेनिंग कितने अच्छे से की है और उसका कितना फायदा उठाया जा सकता है.

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि नए भारतीय न्याय संहिता को पूरी तरीके से समझने में और व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल करने में एक से दो महीने का वक्त लग सकता है. उन्होंने कहा कि नया नियम बनने के बाद उन्हें कुछ दिनों तक मोबाइल का ही सहारा लेना पड़ेगा ताकि वह समझ सकें कि कौन सी धारा कहां पर लगानी है.

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि बिहार में अभी भी बहुत सारे थानों में ऑनलाइन सिस्टम कारगर नहीं हुआ है और क्योंकि नए नियम में सब कुछ ऑनलाइन और पेपरलेस होना है तो इसको लेकर भी कुछ समस्या आ सकती है.

यह भी पढ़ें: सरकार ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिलों को लिया वापस

मुजफ्फरपुर में पुलिस लाइन में दी गई ट्रेनिंग

वहीं मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र के दो थानों में तैनात पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि पुलिस लाइन में ट्रेनिंग मिली है जिससे काफी सहूलियत हुई है क्योंकि ज्यादातर बड़ी अपराधिक धाराएं हैं इसलिए ध्यान रहता ही है. साथ ही हम लोग को जो पंपलेट मिला है उसमे भी सहयोग मिलेगा.

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अधिकारी ने कहा कि अलग से हम लोग के सामने ज्यादातर जो मामले आते हैं उससे संबंधित एक नोट बुक भी बना ली है. वहीं विशेष समस्या पर गूगल का सहारा लिया जाएगा. शुरुआत में तो कुछ दिन परेशानी होगी ही लेकिन जल्दी ही हम लोग पूरी तरह एक्सपर्ट हो जाएंगे क्योंकि ट्रेनिंग में काफी कुछ सिखाया गया है. ज्यादा दिक्कत पर गूगल का भी सहारा लेंगे.

समस्तीपुर में थानों को दिया गया नया चार्ट

वहीं समस्तीपुर जिले में स्थित एक थाने के अधिकारी ने भी बताया कि नए भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत बिहार के सभी स्थानों को तीन दिनों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस मुख्यालय के तरफ से ट्रेनिंग दी गई है जो कि काफी कारगर साबित हुआ है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक ने भी इस पूरे मामले में दिलचस्पी दिखाते हुए सभी थानों में नए नियम को लेकर जागरूक करने की कोशिश की है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि 1 जुलाई से सभी थाना स्तर पर लोगों के साथ भी जन संवाद करके नए भारतीय न्याय संहिता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी थानों को एक नया चार्ट भी दे दिया गया है जिसमें तकरीबन 50 मुख्य धाराएं हैं, जिसका इस्तेमाल किया जाता है. उसका अब नया विकल्प क्या होगा उसके बारे में जानकारी दी गई है.

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जमुई में आधी-अधूरी हैं तैयारियां

भारतीय न्याय संहिता 2023 के मुताबिक होने वाले नए बदलावों की जानकारी पूरी तरह से जमुई जिला के विभिन्न थानों के मुंशी को नहीं है. उन सभी को इतनी जानकारी है कि धाराओं में 1 जुलाई से बदलाव किया जा रहा है. जमुई में अभी मुंशियों को ट्रेनिंग नहीं दी गई है. जमुई जिला के विभिन्न थानों में तैनात पुलिस अधिकारियों को ही तीन दिनों की ट्रेनिंग दी गई थी.
 
आजतक संवाददाता ने जमुई जिला के जमुई, खैरा और मलयपुर थाने में बात की. मलयपुर थाने में तो कोई मुंशी ही नहीं मिला. यहां मुंशी का सारा काम पुलिस के पदाधिकारी ही करते हैं. जमुई और खैरा के मुंशियों ने बताया कि अभी उन लोगों को न तो ट्रेनिंग दी गई है और न ही कोई ऐप दिया गया है. उन्हें अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि किस वारदात में अब कौन सी धारा लगेगी.
 
उन्होंने कहा कि विभाग से सूची आने के बाद ही बता पाएंगे कि किस वारदात में कौन सी धारा लगेगी. खैरा के मुंशी ने तो कहा कि कोई सॉफ्टवेयर आने वाला है उसके आने के बाद पता चलेगा कि किन-किन धारओं में बदलाव हुआ है.

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बेगूसराय में पुलिस अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग

बेगूसराय में दो थाना अध्यक्षों ने बताया कि प्रशिक्षण हुआ है और उससे काफी लाभ भी हुआ है. बुकलेट दी गई है और उससे फायदा भी होगा. शुरुआती दौर में हर नए काम में परेशानी होती है लेकिन धीरे-धीरे सब सेटअप हो जाता है. कुछ धाराएं याद कराई गई हैं जो अमूमन केसों में चलती हैं. साथ ही बुकलेट दी गई है जिससे एफआईआर दर्ज करने में आसानी होगी और धीरे-धीरे सब सही हो जाएगा. हालांकि अलग-अलग धारा पूछने पर थाना अध्यक्षों ने कहा कि सारा काम हो जाता है, कोई परेशानी नहीं है.

शेखपुरा में दिया जा रहा नई धाराओं का प्रशिक्षण

नए न्याय संहिता को लेकर शेखपुरा जिले के बरबीघा टाउन थाना अध्यक्ष कुमार वैभव ने बताया कि लोगों को लगातार न्याय संहिता की नई धाराओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जो ऐप उपलब्ध करवाया गया है उससे भी हम लोगों को काफी सहूलियत हो रही है. कुमार वैभव ने बताया कि दुष्कर्म के मामले में धारा 64 (1 ) से लेकर 70 (2) तक लगाना है. जबकि धोखाधड़ी में अब 318 (4) धारा लगानी है.

इसी तरह उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में 103 (1) धारा लगेगी जबकि चोरी के मामले में 303 (2 )धारा लगेगी. उन्होंने कहा कि विभिन्न धाराओं के बारे में कई दिनों से लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे काफी लाभ भी हुआ है और किसी तरह की कोई परेशानी 1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानून में नहीं होगी.

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