पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. ये छात्र BPSC की परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आयोग के ऑफिस के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर एक पोस्ट में तेजस्वी ने कहा, 'चंद महीने पहले तक एनडीए के नेता नीतीश कुमार को किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बता उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते नहीं थकते थे. अब वही बीजेपी-एलजेपी-एचएएम के नेता उनके तानाशाही निर्णयों को शिरोधार्य कर BPSC परीक्षार्थियों को पुलिस से पिटवा इस गुंडागर्दी को उचित ठहरा रहे हैं.'
'छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध से नफरत करते हैं नीतीश'
उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार खुद को जेपी का स्वयंघोषित चेला बताते हैं लेकिन छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध से नफरत हैं. समस्त स्वार्थी एनडीए नेताओं का यही हाल है.' BPSC अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सचिवालय डॉ अनु कुमारी का बयान आया है.
उन्होंने कहा, 'कुछ अभ्यर्थी प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर BPSC ऑफिस के पास प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया.' उन्होंने कहा कि पटना पुलिस ने छात्र नेता दिलीप के साथ कुछ अन्य कोचिंग संस्थान चलाने वालों पर भी एफआईआर दर्ज की है.
परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्र
पटना में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. बाद में बीपीएससी ऑफिस के बाहर जमा अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया. छात्रों की मांग है कि परीक्षा को रद्द किया जाए. बीपीएससी 70वीं परीक्षा के बाद से ही अभ्यर्थी परीक्षा रद्द की मांग रहे हैं.
अभ्यर्थियों का कहना है कि पटना के बापू एग्जाम सेंटर अलावा भी कई एग्जाम सेंटर्स पर गड़बड़ियां हुई हैं, इसलिए पूरी परीक्षा रद्द होनी चाहिए और फिर से आयोजित की जानी चाहिए. बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बीपीएससी ऑफिस के बाहर कड़ाके की ठंड में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच बिहार पुलिस ने अभ्यर्थियों को हटाने के लिए लाठी-डंडों का सहारा लिया. विरोध कर रहे अभ्यर्थियों में महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं.