बिहार के बेगूसराय में दारोगा के हत्या में नामजद दो आरोपी ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. वहीं, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस महकमा एड़ी-चोटी का जोर लगा रखी थी. शराब माफिया के द्वारा दारोगा की हत्या को लेकर खूब राजनीति भी हुई थी. बता दें कि शराब तस्कर ने एक दारोगा और होमगार्ड जवान को कुचल दिया था, जिससे दारोगा की मौत हो गई थी और होमगार्ड जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था.
दरअसल, नावकोठी थाना क्षेत्र के छतौना पुल पर 19 दिसंबर की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि कार सवार शराब की एक बड़ी खेप लेकर जा रहे हैं. इस सूचना पर नावकोठी थाना में कार्यरत दारोगा खामस चौधरी अपनी टीम के साथ छतौना पुल पर घेराबंदी किया था. इस दौरान शराब माफिया कार लेकर पुल पार करने की कोशिश किया, तो उसे रोकने के दौरान शराब माफिया ने दारोगा और होमगार्ड जवान को कुचलते हुए फरार हो गया था.
पुल के नीचे गिरने से दारोगा की हुई मौत
इस घटना में दारोगा खामश चौधरी पुल के नीचे गिर गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि होमगार्ड जवान बालेश्वर यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद शराबबंदी पर विपक्ष लगातार हमला बोल रही थी. वहीं, सत्ता पक्ष जल्द से आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बयान बाजी करते रहे थे.
डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम का किया गया था गठन
मामले में बेगूसराय एसपी योगेंद्र कुमार भी लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा करते रहे. मगर, पुलिस दोनों आरोपियों तक नहीं पहुंची. घटना के बाद बखरी डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया था, जो ऑल्टो कार चालक को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस ने ऑल्टो कार मलिक को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया था और उससे पूछताछ कर रही थी.
मामले में SP ने कही यो बात
एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि शराब की सूचना पर छापेमारी करने के दौरान कार सवार शराब माफियाओं ने दरोगा खामश चौधरी की कुचलकर हत्या कर दी थी. इस मामले में तीन लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसमें से रितेश कुमार को घटना के दिन ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि शराब तस्कर कृष्ण कुमार और मनीष कुमार फरार हो गया था. शुक्रवार को नामजद दोनों आरोपी कृष्ण कुमार और मनीष कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है.