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बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 37 तक पहुंचा, दो और लोगों की इलाज के दौरान मौत

बिहार में जहरीली शराब पीने से मरनेवालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है. अस्पताल में इलाज के दौरान दो और लोगों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद आकंड़ों में ये बढ़ोतरी हुई है. सीवान जिले के मगहर और औरिया पंचायतों में जहरीली शराब से 28 लोगों की मौत हो गई, जबकि सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में 7 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

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बिहार में शराब से मौत पर पसरा मातम
बिहार में शराब से मौत पर पसरा मातम

बिहार में जहरीली शराब से मौत के मामलों में बढ़ोतरी हो गई है. दो और लोगों की मौत के बाद इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है. जहरीली शराब से मौत का यह मामला गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर से सामने आई है. अधिकारियों ने शनिवार को इन दो लोगों की मौत की पुष्टि की है.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सीवान और सारण में जहरीली शराब से अब तक कुल 37 लोगों की मौत हो चुकी है. इसकी जानकारी सारण रेंज के DIG निलेश कुमार ने दी है. सीवान जिले के मगहर और औरिया पंचायतों में जहरीली शराब से 28 लोगों की मौत हो गई, जबकि सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में 7 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों ने जहरीली शराब का सेवन किया था. सीवान, सारण और पटना के अलग-अलग अस्पतालों में 25 से अधिक लोग अब भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा.

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तेजस्वी यादव ने सरकार पर बोला हमला

इस घटना के बाद विपक्षी दल RJD ने नीतीश कुमार सरकार द्वारा लागू की गई शराबबंदी पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'बिहार में शराबबंदी सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है, इस शराबबंदी के नाम पर लगभग 30,000 करोड़ रुपये की एक समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है, जिसका सीधा फायदा जद (यू) और उसके नेताओं को हो रहा है.'

तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब पीने वालों की संख्या महाराष्ट्र से ज्यादा है. बिहार में 15.5 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं, जबकि महाराष्ट्र में, जहां कोई शराबबंदी नहीं है, यह आंकड़ा केवल 13.9 प्रतिशत है.'

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में हर दिन शराब से संबंधित मामलों में 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जाता है और करीब 6,600 जगहों पर छापेमारी की जाती है. उन्होंने कहा, 'इसका मतलब है कि प्रति घंटे औसतन 275 छापेमारी होती है, फिर भी अवैध शराब का धंधा बेरोकटोक चल रहा है.'

 

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