scorecardresearch
 

उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजेगा NDA, बिहार से दूसरा उम्मीदवार भी BJP का

बिहार की दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है. दोनों सीटों पर NDA के उम्मीदवार राज्यसभा जाएंगे. एक सीट पर RLM (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा जाएगा. लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से नाराज होने की चर्चा हो रही थी. इस बीच उन्हें राज्यसभा भेजे जाने को लेकर बात शुरू हो गई है.

Advertisement
X
उपेंद्र कुशवाहा  (फाइल फोटो)
उपेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट लोकसभा सीट से हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा की जो प्रतिक्रिया आई थी, उसमें एनडीए को लेकर असंतोष साफ दिखाई दिया था. ऐसे में अब एनडीए की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजे जाने की बात कही जा रही है. राष्ट्रीय लोकमोर्चा के सूत्रों के अनुसार उपेंद्र कुशवाहा 21 अगस्त को 11 बजे नामांकन दाखिल करेंगे. 

Advertisement

21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है. वहीं दूसरी सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार होंगे. प्रदेश इकाई ने दावेदारों का नाम शार्टलिस्ट कर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया है. आज ही बीजेपी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.  ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए की तरफ से राज्यसभा भेजने का मतलब साफ है कि उन्हें बिहार चुनाव से पूर्व साधने की कोशिश की जा रही है. 

काराकाट सीट से चुनाव हारने के बाद दिखा था असंतोष
उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से एनडीए के प्रत्याशी थे. यहां से भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह भी चुनाव लड़े थे. जबकि पवन सिंह को बीजेपी ने आसनसोल से टिकट दिया था. बीजेपी की टिकट को ठुकराकर पवन काराकाट से निर्दलीय खड़े हुए. ऐसे में जब काराकाट सीट से वाम दल के राजाराम सिंह के पक्ष में परिणाम गया, तो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था, कि उनकी हार का फैक्टर पवन सिंह बने, या बनाए गए यह सब जानते हैं. चूक हुई या चूक करवाया गया, सबको पता है. उस वक्त उनका संतोष साफ दिखाई दिया था और एनडीए में अंतरकलह की भी चर्चा शुरू हो गई थी.
 
बार-बार जेडीयू और एनडीए का दामन थामते और छोड़ते रहे
उपेंद्र कुशवाहा दो बार जेडीयू से और दो बार एनडीए से नाता तोड़ा. फिर दो बार जेडीयू में उनकी पार्टी का विलय हुआ और दो बार वह एनडीए से जुड़े. अब एक बार फिर वह एनडीए के साथ हैं. 2007 में जेडीयू ने उपेंद्र को बर्खास्त किया था. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय समता पार्टी नाम से पार्टी बनाई. 2009 में इस पार्टी का फिर से जेडीयू में विलय हो गया और वह राज्यसभा चले गए. 

Advertisement

कई बार बनाई अलग पार्टी
2013 में राज्यसभा सदस्य रहते हुए एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू से इस्तीफआ दे दिया और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नाम से दल बनाया. इसके बाद उनकी पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा बनी. उन्होंने काराकाट सीट से जीत दर्ज की और मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनाए गए. 2018 में वादा पूरा नहीं होने का आरोप लगाते हुए फिर से एनडीए को छोड़ दिया.  2020 में विधानसभा चुनाव के बाद उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय हो गया. जेडीयू ने उन्हें विधान परिषद भेज दिया. 

अब फिर से एनडीए के साथ 
2023 में एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर दिखाया और जेडीयू से अलग होकर आरएलजेडी का गठन किया, जो बाद में राष्ट्रीय लोक मोर्चा बन गई. इसके साथ एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा 2024 चुनाव से पहले एनडीए के साथ हो गए और इस चुनाव में उन्हें काराकाट सीट से हार का मुंह देखना पड़ा. 

Live TV

Advertisement
Advertisement