Bihar Bridges Collapse: बिहार में धड़ाधड़ गिर रहे पुलों पर सियासत तेज हो गई है. जेडीयू और बीजेपी गठबंधन लगातार हमलावर होने पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है और नीतीश सरकार पर सवाल उठाए हैं. तेजस्वी का कहना है कि मैं सिर्फ 18 महीने ही संबंधित विभाग का मंत्री रहा हूं. जब मैं मंत्री था, तब विभाग के पास पैसे भी नहीं थे. बीजेपी ने भी तेजस्वी के बयान पर जवाब दिया है. बीजेपी -जेडीयू का कहना है कि पहले पुल के मंत्री तेजस्वी यादव ही थे.
तेजस्वी यादव ने कहा, जब से नीतीश जी सीएम बने हैं तब से अब तक सिर्फ 18 महीने छोड़ दिया जाए तो ये विभाग हमेशा से जेडीयू के पास रहा है. बिहार में कितने पुल गिर रहे हैं. 12 से ज्यादा पुल गिर गए हैं. हम तो सिर्फ इस विभाग के 18 महीने मंत्री रहे. उस समय विभाग के पास पैसा ही नहीं था. 17-18 साल से ग्रामीण विभाग जेडीयू के पास रहा है. ये लोग कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं.
मजा कर रहे थे...
वहीं, केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा, तेजस्वी यादव डेढ़ साल तक ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. तेजस्वी यादव काम कर रहे थे कि मजा कर रहे थे, यह उन्हें बताना चाहिए.
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भ्रष्टाचार करने में उन्हें आनंद आता है...
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, इसकी जांच मुख्यमंत्री करेंगे. मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि जो पुल गिरे हैं, उनकी जांच कराई जाए. कारण पता किया जाए. ये पुल कब बने हुए थे. किसके समय बने थे. यह भी लोगों को बताएं. एक कमेटी बनाकर जांच करें. तेजस्वी को लेकर गिरिराज ने कहा, तेजस्वी यादव शुरू से ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं. यह सब करने में उन्हें आनंद आता है.
बिहार में कब-कब गिरे पुल?
18 जून: अररिया
22 जून: सीवान
23 जून: पूर्वी चंपारण
27 जून: किशनगंज
28 जून: मधुबनी
1 जुलाई: मुजफ्फरपुर
3 जुलाई: सीवान में तीन और सारण में दो
4 जुलाई: सारण
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
लगातार पुल गिरने की इन घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई है. एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर राज्य में मौजूद और हाल के वर्षों में हुए छोटे बड़े पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार लगाई है. इसके अलावा पुल सहित सरकारी निर्माण की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक नीति और उसके परिपालन के लिए गाइड लाइन तैयार करने का आदेश देने की भी गुहार लगाई गई है.