यूपी से ज्यादा बिहार उपचुनाव इस बार चर्चा में है. नेताओं के भाषणों में परिवारवाद की खूब चर्चा हो रही है. हर पार्टी जैसे कि आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय दे रही हैं. चुनावी माहौल में परिवारवाद का बोलबाला चारों ओर फैला हुआ है. राजनीति में परिवारवादी परंपरा के विरोध और समर्थन की बातें चुनाव अभियान का केंद्र बन गई हैं.