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बजट

बजट 2021: 28 की जगह एक फरवरी को बजट, PM मोदी की इस पहल का ये था मकसद

जब बजट बना बही खाता
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देश के पहले वित्त मंत्री आर.सी.के.एस. चेट्टी ने जब 1947 में आजादी के बाद का पहला बजट पेश किया था तो वह बजट दस्तावेजों को चमड़े के एक ब्रीफकेस में लेकर पहुंचे थे. तब से देश के हर वित्त मंत्री ने इस परंपरा का पालन किया. लेकिन जब मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं तो उन्होंने इस परंपरा का भारतीयकरण कर दिया. 5 जुलाई 2019 को वह लाल कपड़े के एक बस्ते में बजट दस्तावेजों को लेकर संसद भवन पहुंचीं, जो असल में भारतीय बहीखातों का ही स्वरूप है. आखिर देश का बजट-देश का बही खाता है. हालांकि निर्मला के महिला वित्त मंत्री बनने से पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते देश की वित्त मंत्री रह चुकी हैं.
 

(फाइल फोटो)

रेल बजट हुआ खत्म
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भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में से एक रेल मंत्रालय का बजट पहले हर साल आम बजट से कुछ दिन पहले पेश होता था. देश का पहला रेल बजट वर्ष 1924 में पेश हुआ लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने वर्ष 2016 में इस परंपरा को बदल दिया. तब के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाकर ही पेश किया.

(फाइल फोटो)

1 फरवरी को पेश होने लगा बजट
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वर्ष 2016 में सिर्फ देश के रेल बजट को आम बजट में नहीं मिलाया गया. बल्कि अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक पुरानी परंपरा को भी तोड़ दिया गया. मोदी सरकार ने फरवरी के आखिरी दिन पेश होने वाले आम बजट को फरवरी के पहले दिन पेश करना शुरू कर दिया. इसकी वजह बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को एक अप्रैल पर नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरा करना है. ताकि सरकार एक अप्रैल से ही नए वित्त वर्ष के हिसाब से काम करना शुरू कर दे और बजट को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके. अन्यथा पहले इस प्रक्रिया को पूरा होने में मई-जून तक का वक्त लगता था.

(फाइल फोटो)

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जब बदला बजट का समय
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भाजपा नीत केंद्र सरकार बजट से जुड़ी अंग्रेजों के जमाने की एक और परंपरा को बदलने की साक्षी रही है. पहले देश का आम बजट शाम पांच बजे पेश होता था, लेकिन जब पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार का 1999 का आम बजट पेश किया तो उन्होंने इस परंपरा को तोड़ते हुए सुबह 11 बजे संसद में इसे रखा. तब से बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे हो गया.

(फोटो:PTI)

अपने जन्मदिन पर बजट भाषण पढ़ने वाले वित्त मंत्री
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देश की आजादी के बाद सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए मोरारजी देसाई ने कुल 10 बार देश का बजट पेश किया. सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है. उनके साथ एक और रोचक बात यह भी है कि उनका जन्मदिन 29 फरवरी को पड़ता है. ऐसे में 1960 और 1968 में दो बार ऐसा वक्त भी आया जब उन्होंने अपने जन्मदिन के दिन बजट भाषण पेश किया.

(फाइल फोटो)

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