केंद्र सरकार फिलहाल तय विनिवेश के लक्ष्य से काफी दूर है. जबकि इस वित्त वर्ष के अब केवल दो महीने ही बचे हैं. ऐसे में संभावना कम है कि सरकार को विनिवेश के मोर्चे पर इस साल कोई बड़ी कामयाबी मिल जाए. दरअसल, कोरोना संकट की वजह से विनिवेश की राह में कई चुनौतियां आ गई हैं. (Photo: File)
सरकार ने मौजूदा वित्त-वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से मिलेगी और बाकी का 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में स्टेक सेल से जुटाया जाएगा. लेकिन इस आंकड़े तक पहुंचना चालू वित्त-वर्ष में संभव नहीं है. (Photo: File)
सरकार ने पिछले बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये विनिवेश के जरिये जुटाने का ऐलान किया था. लेकिन अभी तक के विनिवेश के आंकड़ों पर गौर करें तो चालू वित्त वर्ष में विनिवेश का आंकड़ा करीब 30-40 हजार करोड़ रुपये तक ही पहुंच सकता है, जोकि पिछले 5 साल में सबसे कम होगा. (Photo: File)
यानी सरकार ने जो लक्ष्य रखा था, उसे पाना बेहद मुश्किल है. मौजूदा वित्त-वर्ष में अधिकतम 20 फीसदी तक ही विनिवेश का लक्ष्य हासिल हो सकता है. लेकिन अगले वित्त विर्ष के लिए बजट में सरकार बड़ी लकीर खींच सकती है. क्योंकि कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार फैसले ले चुकी है. (Photo: File)
मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक विनिवेश के जरिये सरकार को केवल 17,958 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. जो कि विनिवेश के लक्ष्य का महज 8.5 फीसदी है. इसके अलावा सरकार ने विदेश संचार निगम लिमिटेड में अपने बाकी बचे हुए 26.12 फीसदी की हिस्सेदारी टाटा कम्युनिकेशंस को बेच दिया है. जिससे सरकार को इसी वित्त वर्ष में 8,000 करोड़ रुपये मिल जाएंगे. (Photo: File)
बजट में सरकार इस बार विनिवेश के लक्ष्य को लेकर 2 लाख करोड़ से ज्यादा का ऐलान कर सकती है. अगले वित्त वर्ष में BPCL की रणनीतिक बिक्री से लेकर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ लॉन्च होने के पूरे आसार हैं. इसके अलावा कुछ अन्य प्राइवेटाइजेशन डील्स भी वित्त वर्ष 2022 तक पूरा होने का अनुमान है. (Photo: File)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट-2021 में विनिवेश को लेकर कई बड़े ऐलान कर सकती हैं, और मुमकिन भी है कि नए वित्त वर्ष में सरकार विनिवेश के लक्ष्य को हासिल कर ले. अगले वित्त वर्ष में BPCL, LIC, एअर इंडिया और SCI के विनिवेश पर मुहर लग सकती है. इसके अलावा शेयर बाजार में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार कुछ CPSE में हिस्सेदारी भी ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेच सकती है. (Photo: File)