बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं. नए नियमों के तहत बिजली कनेक्शन जारी करने, बिजली बिलों के भुगतान की सुविधा और बिजली सप्लाई के लिए उपभोक्ताओं के ऊर्जा अधिकार तय किए हैं. (Photo: File)
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि हर घर तक बिजली सेवा सुनिश्चित हो. इसी कड़ी में अब पावर सेक्टर में उपभोक्ताओं के लिए मानक तय किए गए हैं. अब सरकार आगामी बजट में नकदी संकट से जूझ रही घाटे वाली बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम के पुनरोद्धार के लिए नई योजना की घोषणा कर सकती है.
बजट में सरकार बिजली वितरण कंपनियों के दबाव को कम करने और सभी को 24 घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध कराने के लिए कोई नई योजना ला सकती है. डिस्कॉम नकदी संकट से जूझ रही है और चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है. सरकार में पिछले दिनों डिस्कॉम के आर्थिक संकट को लेकर चर्चा हुई है, जिसकी घोषणा बजट में की जा सकती है. (Photo: File)
केंद्र ने नवंबर, 2015 में कर्ज के बोझ से दबी डिस्कॉम के पुनरोद्धार के लिए उज्ज्वल डिस्कॉम इश्योरेंस योजना (उदय) शुरू की थी. इस योजना के तहत करार पर दस्तखत के तीन साल के भीतर बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारा जाना था. सितंबर, 2019 में बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा था कि उनका मंत्रालय उदय 2.0 योजना पर काम कर रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि आम बजट 2020-21 में इसकी घोषणा की जाएगी.
हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल अपने बजट भाषण में कहा था कि घर-घर तक बिजली पहुंचाना महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन वितरण क्षेत्र विशेष रूप से डिस्कॉम दबाव में है. उन्होंने कहा कि डिस्कॉम में सुधार के लिए और उपाय किए जाएंगे.
पिछले साल मार्च में भी एक आधिकारिक बयान में नई योजना की बात की गई थी. इसमें कहा गया था कि सरकार ने फैसला किया है कि राज्यों को प्रभावी डिस्कॉम सुधारों के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. हालांकि, अभी तक इस तरह की किसी योजना की घोषणा नहीं हुई है. उदय के तहत हरियाणा की वितरण इकाइयों की वित्तीय हाल में सुधार हुआ है, लेकिन कुछ अन्य इकाइयां सुधार की राह पर आगे नहीं बढ़ पाई हैं.