अगले सप्ताह से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी को चौथी बार बजट पेश करने वाली हैं. साल 2019 में वित्त मंत्री बनाए जाने के बाद से यह पोर्टफोलियो उनके पास ही बना हुआ है. इससे पहले बजट तैयार करने का काम जोर-शोर से चल रहा है. बजट छापे जाने की प्रक्रिया को लेकर गोपनीयता बरते जाने की परंपरा रही है. यह काम इतना संवेदनशील होता है कि तैयारी में जुटे सभी अधिकारी अंडरग्राउंड हो जाते हैं. बजट की तैयारी से जुड़े अधिकारी संसद में पेश होने के बाद ही किसी के सामने आ पाते हैं.
दरअसल 1950 में बजट के कुछ दस्तावेज लीक हो गए थे. तब तक बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती थी. लीक के बाद बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन से शिफ्ट होकर मिंटो रोड के प्रेस में होने लगी. करीब 30 साल तक मिंटो रोड प्रेस में बजट की छपाई होती रही. बाद में 1980 में बजट की छपाई का काम नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया गया. तब से बजट तैयार करने का काम नॉर्थ ब्लॉक में ही हो रहा है.
देश में शुरुआत से ही बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में प्रस्तुत करने की परंपरा थी. इस परंपरा पर निर्मला सीतारमण के वित्त मंत्री बनने के बाद ब्रेक लग गया. सीतारमण ने जब 2019 में अपना पहला बजट पेश किया, तो उन्होंने ब्रीफकेस की परंपरा छोड़ दी और लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते में बजट डॉक्यूमेंट संसद ले गईं. ब्रीफकेस वाली परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी.
बजट की कोई भी जानकारी लीक न हो, इसके लिए नॉर्थ ब्लॉक की सेक्रेटारियट बिल्डिंग में तीन सप्ताह पहले से हाई लेवल सिक्योरिटी का प्रबंध कर दिया जाता है. इसका जिम्मा इंटेलीजेंस ब्यूरो के पास होता है. हलवा सेरेमनी के साथ बजट की छपाई का काम शुरू हो जाता है. इस सेरेमनी के बाद छपाई में जुटे सारे अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बंद हो जाते हैं. इन्हें बेसमेंट के बाहर किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है. बेसमेंट में लगे कम्प्यूटरों के इंटरनेट कनेक्शन काट दिए जाते हैं और उन्हें एनआईसी के सर्वर से भी डिसकनेक्ट कर दिया जाता है.
हालांकि पिछले साल बजट की छपाई की परंपरा पर भी ब्रेक लग गया. निर्मला सीतारमण ने 2021 में प्रिंटेड बजट के बजाय डिजिटल बजट पेश किया था. इस परंपरा पर ब्रेक के बाद भी बजट डॉक्यूमेंट तैयार करने की सेक्रेसी की जरूरत खत्म नहीं हुई है. बजट तैयार होने के बाद 01 फरवरी को डॉक्यूमेंट सबसे पहले वित्त मंत्री के पास पहुंचता है. वित्त मंत्री सबसे पहले राष्ट्रपति को बजट के बारे में बताती हैं और इसके बाद प्रधानमंत्री व पूरी कैबिनेट को संक्षेप में जानकारी दी जाती है. यहां से वित्त मंत्री लोकसभा जाती हैं और बजट पेश करती हैं.