केंद्र सरकार ने देश के हर गांव को इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इसी कड़ी में हर साल दूरसंचार बजट में इजाफा किया जाता है. अब उम्मीद की जा रही है कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टेलिकॉम सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती हैं. वैसे भी भारत इंटरनेट के मामले में दुनिया के कई देशों से काफी पीछे है. (Photo: File)
हालांकि सरकार ने साल-दर-साल दूरसंचार बजट को बढ़ाया है, वित्त वर्ष 2020-21 में दूरसंचार बजट में करीब तीन गुना इजाफा किया गया था. वित्त-वर्ष 2019-20 में दूरसंचार बजट 23,350 करोड़ रुपये का था, जो वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 66,432 करोड़ रुपये का हो गया. अब इस साल भी सरकार का इस सेक्टर पर खास फोकस रह सकता है.
दरअसल टेलिकॉम सेक्टर सबसे ज्यादा जॉब देने वाले सेक्टर में से भी एक है. सरकार इस सेक्टर के जरिये बेरोजगारी दूर का प्लान बजट में लेकर आ सकती है. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने तीन गुना दूरसंचार बजट कर दिया. ऐसे में इस सेक्टर को बजट से और बेहतरी की उम्मीद है. (Photo: File)
केंद्र सरकार का देश के कुल 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का प्लान है. क्योंकि डिजिटल इंडिया के इस दौर में अभी भी तमाम गांव इंटरनेट की सुविधा से वंचित है. फिलहाल देशभर में 1.04 लाख पंचायतों में वाई-फाई लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से केवल 64,296 पंचायतों में वाई-फाई एक्टिव हैं. यानी देश के एक चौथाई गांव में ही सरकार इंटरनेट पहुंचा पाई है.
यही नहीं, भारतनेट के तहत लगाए गए वाई-फाई भी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. हर 10 में से 4 वाई-फाई काम नहीं करते. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 30565 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. अभी भी ग्रामीण इलाकों में हर 10 में से 4 लोगों के पास टेलिफोन नहीं है.
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 116.9 करोड़ टेलिफोन सब्सक्राइबर्स हैं. जिसमें से करीब 52.4 करोड़ ग्रामीण इलाकों में हैं, आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में केवल 59 फीसदी टेलिफोन यूजर्स हैं, जबकि शहरी इलाके में दोगुने से भी अधिक 138 फीसदी टेलिफोन सब्सक्राइबर्स हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट के विस्तार पर सरकार का फोकस रह सकता है.