प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस बार के बजट से पीएम मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को मजबूती देने की कोशिश की जा सकती है. प्रधानमंत्री ने पिछले साल आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया था. पीएम मोदी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसकी चर्चा कर चुके हैं. (फाइल फोटो: PIB)
क्या हो सकता है बजट में: जानकारों का कहना है कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयात में तत्काल कमी लानी होगी और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर बजटीय आवंटन करना होगा. साथ ही घरेलू मैन्युफैक्चरर को अतिरिक्त सब्सिडी देनी होगी.
सरकार आयात को महंगा बना सकती है यानी बहुत सारी वस्तुओं पर आयात कर बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा सरकार कारोबारी सुगमता को बढ़ाने, निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने, शिक्षा और कौशल विकास पर ज्यादा आवंटन, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकती है. जानकारों का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत के लिए चार प्रमुख सेक्टर पर फोकस किया जा सकता है.
फार्मा सेक्टर: भारत बड़े पैमाने पर अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों को दवाओं का निर्यात करता है. लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह है कि खुद इन दवाओं को तैयार करने के लिए जरूरी कच्चा माल API यानी एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट चीन से मंगाना पड़ता है. कोरोना संकट में जब चीन से दवा निर्माण के लिए जरूरी एपीआई के आयात में दिक्कत आई थी, तभी यह जरूरत महसूस की गई कि देश को दवा निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना चाहिए. दवा निर्माण के लिए जरूरी एपीआई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा चीन से आता है. इसमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है और इसके लिए भी बजट में कुछ ऐलान हो सकता है.
डिफेंस सेक्टर: डिफेंस सेक्टर में सरकार देश को लगातार आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है. सरकार ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई लिमिट को बढ़ाकर 49 से 74 फीसदी कर दिया है. सरकार हर साल हथियार और अन्य साजो-सामान की खरीद पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है. विदेश से सैन्य साजो-सामान मंगाना काफी महंगा होता है. इन्हें स्वदेशी स्तर पर उत्पादित करने से देश का काफी पैसा बचेगा. इसलिए इस बार के बजट में भी डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और ऐलान किये जा सकते हैं. (फाइल फोटो)
मैन्युफैक्चरिंग: साल 2014 में सत्ता में आने के तत्काल बाद ही पीएम मोदी ने 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के द्वारा देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया था. उनका लक्ष्य भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है. भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम और मेडिकल इक्विपमेंट जैसे बहुत से सेक्टर में विदेशी आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर इन सेक्टर में सरकार देश को आत्मनिर्भर बना सकती है. इसलिए इस बार के बजट में इनसे जुड़े ऐलान किये जा सकते हैं. इसके अलावा देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई वस्तुओं के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है और कुछ वस्तुओं के कच्चे माल के आयात शुल्क में कटौती की जा सकती है. (फाइल फोटो: Reuters)
इलेक्ट्रिक व्हीकल: ज्यादातर देश अगले कुछ दशकों में पेट्रोल-डीजल वाले वाहन खत्म करने और इलेक्ट्रिक वाहनों पर निर्भर रहने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रहे हैं. भारत सरकार भी अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है. अमेरिकी कंपनी टेस्ला ने भारत में अपनी कार बेचने का ऐलान भी कर दिया है. लेकिन सरकार की कोशिश इस मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की होगी. कई भारतीय कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की तैयारी कर रही हैं. बजट में इसके लिए कुछ प्रोत्साहन का ऐलान किया जा सकता है.