बजट का 'सीजन' शुरू होते ही लोगों की निगाहें कुछ खास शख्सियतों पर टिक गई हैं. ऐसे ही शख्सियतों में पवन कुमार बंसल भी शुमार हैं, जिनपर रेल बजट पेश करने का दारोमदार है.
रेल बजट में किराए या माल भाड़े में किसी तरह की बढ़ोतरी होती है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. पर ऐसे मौके पर रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के 'जीवन वृत्त' पर एक नजर डालना मुनासिब होगा.
पवन कुमार बंसल एक मंजे हुए कांग्रेसी राजनेता हैं.
पवन कुमार बंसल दसवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य चुने जा चुके हैं.
पवन कुमार बंसल का जन्म 16 जुलाई, 1948 को पंजाब के संगरूर जिले में हुआ था.
उनके पिता का नाम पियारा लाल अग्रवाल है.
पवन कुमार बंसल की पत्नी का नाम मधु बंसल है.
पी. के. बंसल 2 पुत्रों के पिता हैं.
पी. के. बंसल विज्ञान और विधि विषय से स्नातक हैं.
पी. के. बंसल का चुनाव क्षेत्र चंडीगढ़ है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में पहली बार रेलवे के सभी क्षेत्रों के यात्री किराए में वृद्धि की.
इस फैसले के बचाव में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े नेटवर्क को चालू रखने के लिए ऐसा करना जरूरी था.
पी. के. बंसल ने कहा कि इस कदम से हासिल होने वाले 6,000 करोड़ रुपये की आय से रेलवे की सेवा और सुरक्षा बेहतर की जाएगी.
उन्होंने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया कि किराए को बजट में नहीं छुआ जाएगा.
इन बातों के बावजूद रेलमंत्री के निर्णय की आलोचना हुई.
पवन बंसल जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं.
28 मई 2009 से लेकर 28 अक्टूबर 2012 तक उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री का दायित्व संभाला.
28 अक्टूबर 2012 को उन्हें केंद्रीय रेल मंत्री का पदभार दिया गया.
पी. के. बंसल कांग्रेस पार्टी से जुड़े राजनेता हैं.
बहरहाल, देखना यह है कि पी. के. बंसल रेल मंत्री के रूप में जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतर पाते हैं.
चूंकि रेल आम आदमी से गहरे जुड़ा है, इसलिए बजट को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है.
बंसल को महंगाई से जूझ रही जनता की भावनाओं का खयाल रखना होगा.