देश इस समय साढ़े पांच साल की सबसे ऊंची खुदरा महंगाई दर से गुजर रहा है. एनएसओ के नए आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल के दिसंबर से सरकार के हाथ से महंगाई की डोर छूटी तो आजतक काबू में नहीं आई. रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम जनता का बजट बिगाड़ दिया है. (Photo: File)
दिसंबर 2018 में महंगाई दर मात्र 2.11 फीसद थी, सालभर में महंगाई दर साढ़े तीन गुणा बढ़ चुकी है. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फीसदी पहुंच गई है. लगातार पांचवें महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. दिसंबर में साढ़े पांच साल में ये सबसे ऊंची खुदरा महंगाई दर पहुंच गई. (Photo: File)
प्याज सस्ता जरूर हो गया है. लेकिन सब्जियों की कीमत सातवें आसमान पर है. 10 रुपये किलो हो जाने वाली गोभी और मूली तक 40 की बिक रही है. खुदरा महंगाई दर की अहमियत आम आदमी के लिए बहुत ज्यादा होती है. क्योंकि इसी से पता चलता है खानपान से जुड़ी चीजें महंगी हो रही हैं या सस्ती? क्योंकि खुदरा महंगाई दर में खाने-पीने की चीजों की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसद है. (Photo: File)
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दिसंबर से इस दिसंबर सब्जियां 60.5 फीसदी, दाल 15.44 फीसदी, मांस-मछली 9.57 फीसदी और अंडा 8.79 फीसदी महंगा हो चुका है. दिसंबर में खाने-पीने की चीजों के दाम में 14.12 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. खाने की चीजों और पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी का खुदरा महंगाई को बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल रहा है. (Photo: File)
वहीं अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं कि सरकार ने तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो समस्या और गंभीर हो जाएगी. क्योंकि बेरोजगारी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, महंगाई बढ़ती जा रही है और इन सबके बीच मांग (डिमांड) घटती जा रही है. अब सबको राहत की उम्मीद बजट से है. लेकिन अर्थव्यवस्था के माहिर ये भी कहते हैं कि देश की माली हालत बेहद खस्ता है और ऐसे में बजट से किसी को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए. (Photo: File)
वैसे भी सरकार के लक्ष्य से महंगाई दर काफी पार निकल गई है. RBI का लक्ष्य महंगाई को 4 फीसदी की रेंज में रखने का है, इसमें 2 फीसदी का मार्जिन है. यानी के महंगाई दर 6 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. दिसंबर में महंगाई दर 7 फीसदी के पार निकल गई है. दिसंबर की शुरुआत में ही RBI ने महंगाई में बढ़ोतरी की ओर इशारा कर दिया है. ये ही वजह थी की RBI ने ब्याज दर नहीं घटाई थी. (Photo: File)
गौरतलब है कि महंगाई दर को ध्यान में रखकर ही RBI ब्याज दरों पर फैसला लेता है. RBI बजट के ठीक बाद यानी 6 फरवरी को RBI को मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा करनी है. दिसंबर में महंगाई बढ़ने की वजह से फरवरी में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद को कतई नहीं है बल्कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका भी बन गई है. यानी महंगाई के इन आंकड़ों को देखकर कर्ज सस्ता होने की बजाय, कर्ज महंगा होने की उम्मीद बढ़ गई है. (Photo: File)