रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने मंगलवार 8 जुलाई को मोदी सरकार का पहला रेल बजट पेश किया. मजबूत जनादेश पर सवार रेल बजट में रेल मंत्री ने जनता को खुश करने की पूरी कोशिश की. रेल किराये में बढ़ोतरी के बाद सुविधाओं की मांग को देखते हुए बुलेट ट्रेन, प्रीमियम ट्रेन के साथ स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह विकसित करने की घोषणाएं की. बजट पेश करने के लिए सदन में प्रवेश से पहले सदानंद गौड़ा और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा.
बजट में 21 हजार नई नौकरियों की घोषणा की गई. इसके तहत महिला और पुरुष कॉन्स्टेबल भर्ती किए जाएंगे, जबकि पहली बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी.
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा है. पिछले सालों में किराया कम करने से रेलवे को बहुत नुकसान हुआ है. किराए में संशोधन ना होने से सुविधाओं में गिरावट आई और लोकलुभावन फैसलों से रेलवे की दुगर्ति हुई है.
रेल मंत्री ने कहा कि अगले दस सालों में विकास के लिए रेलवे को तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. रेलवे में PPP के जरिए रेवेन्यू बढ़ाने की जरूरत है. हाईस्पीड नेटवर्क की जरूरत पर भी रेल मंत्री ने अपने बजट में बल दिया. गौड़ा ने कहा कि कैबिनेट से रेलवे में FDI की इजाजत मांगी जाएगी.
रेल मंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल से रेलवे की किस्मत चमकाई जाएगी. जहां-जहां रिटायरिंग रूम उपलब्ध हैं, वहां उनकी ऑनलाइन बुकिंग शुरू की जाएगी. हर बड़े स्टेशन में लिफ्ट, स्वच्छ पानी के लिए आरओ यूनिट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे. बुजुर्गों के लिए स्टेशन पर बैटरी वाली कार चलाई जाएगी.