आम बजट 2015 में दूसरी पीढ़ी के कई आर्थिक सुधारों का ऐलान किया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में अभी ज्यादातर क्षेत्रों को और अधिक खुला बनाने की जरूरत है. इसके लिए पूंजी की वाजिब लागत के साथ-साथ नीतियों व कर व्यवस्था में स्थिरता की जरूरत है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा किए गए उपायों के प्रभावी होने के बाद 2015- 16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर छह फीसदी से ऊपर पहुंच जाएगी और इसके बाद हम ‘उच्च आर्थिक वृद्धि दर की राह पर चल पड़ेंगे. दूसरी पीढ़ी के सुधारों की पूरी सूची पड़ी है. इसके अलावा 'ऐसे सुधारों की भी पूरी सूची है जो इस लिए तैयार खड़ी है क्योंकि पीछे हुई कुछ चीजों को खत्म किया गया है. उसमें से एक कोयला अध्यादेश है जो एक चीज को खत्म करने की बात है.'
एनडीए सरकार के कदमों की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान कई कदम उठाए गए हैं जिससे उत्साह बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था काफी नीचे चली गई थी और निराशा का भाव फैल गया था. लेकिन बीते छह महीनों के दौरान घरेलू निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने भी काफी रुचि दिखानी शुरू की है. हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका भरोसा बुरी तरह टूट चुका था.
-इनपुट भाषा