केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बुधवार को बजट देश के किसानों को समर्पित होने की बात ही. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. मुंबई में क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में यहां कृषि मंत्री ने कहा, 'गर्व की बात है कि विभिन्न कृषि परियोजनाओं के लागू होने से भारत कृषि क्षेत्र में अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गया है.'
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि 'सरकार, उद्योग और किसान मिलकर खेती को और अधिक फायदेमंद बना सकते हैं.'
Addressed a conference “Government, Industry and Farmer can work together to make farming more profitable” organised by Crop Care Federation of India in Mumbai, Maharashtra. pic.twitter.com/er00IqQpBm
— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) January 23, 2019
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से इस क्षेत्र में बदलाव आया है और आगामी बजट किसानों को समर्पित होगा.
साथ ही मंत्री राधामोहन ने कहा कि पूर्व की सरकार ने 2009-2014 के दौरा कृषि मंत्रालय का बजट 1.21 लाख करोड़ रुपये रखा था. वहीं मोदी सरकार ने इसे 2014-19 के दौरान बढ़ाकर 2.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हार और कांग्रेस की जीत के पीछे किसानों की कर्ज माफी एक बड़ा फैक्टर बनकर सामने आया है. अब लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मोदी सरकार किसानों को साधने की कोशिश में जुटी हुई है.
इसके लिए आने वाले बजट में कम कीमतों पर फसल बेचने वाले किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए एक तय रकम देने की भी स्कीम पर सरकार विचार कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार किसानों को फायदा पहुंचाने जल्द ही अलग-अलग मंत्रालयों के साथ बैठक करके इस योजना का खाका तैयार कर सकती है. मीडियम टर्म स्ट्रैटिजी के तहत अगर फसलों की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गिरती हैं तो किसानों को सब्सिडी
देकर राहत देने की बात भी सामने आई है.
इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के साथ 26 दिसंबर को बैठक की थी. प्रधानमंत्री आवास पर ये बैठक शाम 6.30 बजे से लेकर 9 बजे तक चली. बताया जा रहा है कि इस ढाई घंटे की बैठक में किसानों से जुड़े मुद्दे और कर्जमाफी पर विस्तार से चर्चा हुई.