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इन दो बदलावों के साथ ऐतिहासिक होगा साल 2017 का बजट

इस वित्त वर्ष का अंत 500-1000 की नोटबंदी के फैसले के बाद देशभर में पैदा हुई परेशानी और कैश क्रंच के साथ हो रहा है. साल 2016 का अंत सरकार द्वारा लिए गए दो प्रमुख आर्थिक निर्णयों के साथ हो रहा है पहला गुड्स एंड सर्विस टैक्स और दूसरा नोटबंदी. हालांकि लोग सरकार के इन दोनों फैसलों के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से पूरी तरह अंजान हैं.

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बजट 2017-18
बजट 2017-18

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इस वित्त वर्ष का अंत 500-1000 की नोटबंदी के फैसले के बाद देशभर में पैदा हुई परेशानी और कैश क्रंच के साथ हो रहा है. साल 2016 का अंत सरकार द्वारा लिए गए दो प्रमुख आर्थिक निर्णयों के साथ हो रहा है पहला गुड्स एंड सर्विस टैक्स और दूसरा नोटबंदी. हालांकि लोग सरकार के इन दोनों फैसलों के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से पूरी तरह अंजान हैं.

बजट 2017 देश के मौजूदा हालात से निपटने और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने की सरकार की तरफ से पहल के तौर पर देखा जा रहा है.

सरकार से देशवासियों की उम्मीद और नोटबंदी के बाद पनपे मुद्दों को लेकर सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदम के अलावा बजट 2017 दो बड़े बदलाव का गवाह रहेगा-
1. रेल बजट अब आम बजट में ही पेश किया जाएगा.

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2. इस बार फरवरी के आखिरी हफ्ते में नहीं बल्कि पहले हफ्ते में बजट सत्र शुरू होगा.

बजट 2017 से उम्मीदें
टैक्स की दरों में कमी के आसार जताए जा रहे हैं. मौजूदा दर 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 10 फीसदी है. 5 लाख से ज्यादा की इनकम पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक कमाई करने वालों के लिए 30 फीसदी है. वहीं सरकार द्वारा गरीबों को लुभाने के तहत बजट 2017 में कल्याणकारी और गरीबों के हित में कई योजनाओं की घोषणा के आसार हैं. जिससे सामाजिक खर्च व्यय में भारी उछाल देखा जाएगा. इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाली मोदी सरकार ई-पेमेंट का सहारा लेने वालों के लिए टैक्स में छूट की घोषणा भी कर सकती है.

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