लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार के आख़िरी पूर्ण बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रपति की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपये प्रति महीने तक किया जाएगा. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति का वेतन 4 लाख और राज्यपालों का वेतन 3.5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया. राष्ट्रपति के वेतन में बढ़ोतरी का ये प्रस्ताव करीब 200 प्रतिशत है.
अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी दिया.
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सांसदों के वेतन को लेकर जेटली ने कहा, सांसदों की तनख्वाह में बढ़ोतरी महंगाई इंडेक्स के आधार पर हर 5 साल पर तय होगी. यह 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी. इससे पहले 2008 में राष्ट्रपति के वेतन में बढ़ोतरी की गई थी. तब राष्ट्रपति का वतन 50 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रतिमाह किया गया था. बता दें कि उपराष्ट्रपति की सैलरी इस वक्त 1.25 लाख रुपये है.
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सैलरी बढ़ाने का ये प्रस्ताव सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में कैबिनेट सेक्रेटरी का वेतन राष्ट्रपति के वेतन से ज्यादा होने के बाद लिया गया.