बजट पेश होने में अब दो हफ्तों से भी कम समय रह गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार प्री-बजट मीटिंग में इंडस्ट्री से बजट को लेकर सुझाव ले रहे हैं. इसी दौरान होटल इंडस्ट्री ने भी अपनी मांगें वित्त मंत्री के सामने रखी हैं. रेस्टोरेंट उद्योग के संगठन नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने कहा है कि रेस्तरां से छीन लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस लागू करना चाहिए.
NRAI ने मांग की है कि होटल इंडस्ट्री को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फिर से फायदा दिया जाए. संस्था के अध्यक्ष राहुल सिंह का कहना है कि इंडस्ट्री को आईटीसी के दायरे से बाहर रखना इसके हक में नहीं है. उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री के अलावा बैंकिंग, इंश्योरेंस और रियल इस्टेट जैसे सेक्टर हैं, जिन्हें आईटीसी का फायदा दिया जा रहा है.
राहुल सिंह ने मांग की है कि बजट में रेस्तरां को भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाए. उन्होंने इसके साथ ही सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था करने की मांग भी की है. NRAI ने ITC के अलावा रेस्तरां खोलने के लिए लगने वाले लाइसेंस की संख्या भी घटाने की मांग की है.
राहुल ने बताया कि देश में रेस्टोरेंट खोलने के लिए 24 तरह के अलग-अलग लाइसेंस लेने पड़ते हैं. उन्होंने सरकार से अपील की कि बजट में इस पर खास ध्यान दिया जाए और इंडस्ट्री की इन मांगों को बजट की घोषणाओं में शामिल किया जाए.
बता दें कि जीएसटी परिषद ने नवंबर में होटल और रेस्तरां इंडस्ट्री पर लगने वाले 18 और 12 फीसदी के दो अलग-अलग रेट्स को खत्म कर दिया था. इसकी जगह उनसे सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा था. हालांकि इसके बदले सरकार ने इंडस्ट्री से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा इंडस्ट्री से वापस ले लिया था.
इसके बाद से ही लगातार यह मांग उठ रही थी कि इंडस्ट्री से इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा वापस नहीं ली जाए. होटल और रेस्तरां एसोसिएशन का कहना था कि इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी और इससे बाहर खाना महंगा पड़ सकता है.