आम बजट पेश होने में 10 से भी कम दिनों का समय रह गया है. बजट की प्रिंटिंग शुरू हो चुकी है. इसी बीच, एक सर्वे आया है. इसके मुताबिक इस बार सरकार आयकर का दायरा बढ़ाकर आम लोगों को राहत दे सकती है. इसके साथ ही वही टैक्स दरों में कटौती कर के भी इस राहत को दुगुना कर सकती है.
वित्तीय परामर्श सेवा कंपनी ईवाय ने बजट पूर्व एक सर्वेक्षण किया. जनवरी में हुए इस सर्वेक्षण में 150 से भी ज्यादा वित्त अधिकारियों, कर प्रमुखों और वरिष्ठ वित्त पेशेवरों ने भाग लिया. इन लोगों में से 69 फीसदी की राय है कि कर छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए. लोगों का तर्क है कि कर छूट की सीमा बढ़ने से आम आदमी के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बच पाएंगे.
वहीं, 59 फीसदी का विचार था कि अलग-अलग प्रकार की अब अप्रासंगिक हो चुकी कटौतियों की जगह एक ही मानक कटौती रखी जानी चाहिए. ताकि कर्मचारियों पर पड़ रहे दबाव को कम किया जा सके.
करीब 48 फीसदी को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली कॉरपोरेट कर को कम कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने उपकर जारी रहने की संभावना जताई है. वहीं, 65 फीसदी को लगता है कि लाभांश पर कर व्यवस्था बदल सकती है.
अपने इस सर्वेक्षण से आए परिणा को लेकर ईवाय ने कहा कि ये सर्वेक्षण बताता है कि कर ढांचे में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि इस बजट में कर नीतियां स्थिर और सतत होंगी.
मौजूदा समय में आपको आपकी इनकम के मुताबिक 5 से 30 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अगर आपकी इनकम 2.5 लाख रुपए तक है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 से 5 लाख पर 5 फीसदी, 5 लाख-10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से अधिक पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और 80 साल से कम है, तो आपके लिए अन्य के मुकाबले टैक्स रेट अलग हैं. नीचे दिए गए टेबल में इस श्रेणी पर लगने वाले टैक्स रेट के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें महिला और पुरुष, दोनों शामिल हैं. इनके लिए 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं. 3 से 5 लाख पर 5 फीसदी, 5 से 10 लाख पर 20 और 10 लाख से अधिक पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा.