1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जटली ने आम बजट पेश किया. इस बजट में सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर प्रोग्राम को लॉन्च किया है. देश भर में 5 लाख स्वास्थ् केंद्र बनने के साथ ही कई केंद्रों पर दवाइयां भी मुफ्त मिलेंगी. इसके साथ ही हर ससंदीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे.
हर संसदीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज
बजट में अरुण जेटली ने ऐलान किया कि हर संसदीय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. 20 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे. साथ ही टीबी के लिए सहायता राशि के आवंटन को बढ़ाया जाएगा. पीड़ितों को 500 रुपये दिया जाएगा. जिला अस्पतालों का दर्जा बढ़ाया जाएगा. हम ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को मुक्त करना चाहते हैं.
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खोले जाएंगे 5 लाख स्वास्थ्य केंद्र
अपने भाषण में जेटली ने कहा कि केवल स्वस्थ भारत ही समृद्ध भारत हो सकता है. आयुष्मान भारत प्रोग्राम में हमने 2017 की हेल्थ पॉलिसी को मिशन के रूप में स्वीकार कर रहे हैं. इसके तहत लोगों की स्वास्थ्य जरूरतों के लिए करीब 5 लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे.
इन केन्द्रों में मिलेगी मुफ्त दवाइयां
भारत में खोले जाने वाले 5 लाख स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयां मुफ्त में दी जाएगी. जेटली ने कहा, विशेष रूप से हम कोशिश करेंगे कि इन केन्द्रों में लोगों को दवाइयां भी मुफ्त मिल सकें. हेल्थ प्रोटेक्शन प्रोग्राम के लिए प्राइवेट सेक्टर से भी सहयोग की उम्मीद करते हैं. सरकार गरीबों के स्वास्थ्य के लिए चिंतित है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत 30 हजार रुपये दिए जाते हैं. कुछ राज्य सरकारों ने भी इसके लिए पहल की है. मेरी सरकार चाहती है कि हेल्थ प्रोटेक्शन लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप हो. हम 10 करोड़ लोगों तक इसे पहुंचाएंगे. हम इसके लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये की सहायता देंगे. जेटली ने कहा, ये दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ प्रोटेक्शन कार्यक्रम होगा.
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50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की सुविधा
10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की सुविधा सरकार उपलब्ध कराएगी. आयुष्मान भारत प्रोग्राम के तहत इसके जरिए नए इंडिया का निर्माण होगा.
प्रधानमंत्री जीवन बीमा
प्रधानमंत्री जीवन बीमा के बारे में जेटली ने कहा- प्रधानमंत्री जीवन बीमा के तहत 2 लाख का लाइफ इंश्योरेंस मिलेगा. 13 हजार करोड़ लोगों को इसमें लाया जा चुका है. दो लाख लोगों का बीमा हो चुका है. सरकार ये चाहती है कि अनुसूचित जाति जनजाति के ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें लाए जा सकें.