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लोकलुभावन नहीं होगा ये बजट! मोदी बोले- फ्री की चीज़ नहीं चाहते लोग, मेरा काम जानते हैं

मोदी ने कहा कि आम जनता ईमानदार सरकार चाहती है. "आम आदमी छूट या मुफ्त की चीज नहीं चाहता है... यह (मुफ्त की चीज की चाहत) आपकी कोरी कल्पना है."

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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देश में आम बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. ऐसे में ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि ये बजट थोड़ा लोकलुभावन होगा, जो चुनाव से पहले लोगों का आकर्षित करेगा. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रकार के संकेत दिए हैं कि बजट लोकलुभावन नहीं होगा. ऐसे में इस बजट में भी कुछ कड़े फैसले दिखाई पड़ सकते हैं. बता दें कि बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा.

अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाऊ को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि आगामी आम बजट कोई लोकलुभावन बजट नहीं होगा और सरकार सुधारों के अपने एजेंडे पर ही चलेगी, जिसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था "पांच प्रमुख" कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की जमात से निकलकर दुनिया का "आकर्षक गंतव्य" बन गया है.

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मुफ्त की चीज़ें नहीं चाहते लोग

प्रधानमंत्री ने कहा, यह मात्र एक धारणा है कि लोग मुफ्त की चीजें और छूट चाहते हैं. यह पूछे जाने पर कि पहली फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में क्या वह लोकलुभावन घोषणा करने से बचेंगे. इस पर उन्होंने कहा, तय यह करना है कि देश को आगे बढ़ने और मजबूत होने की जरुरत है या इसे "इस राजनैतिक संस्कृति-कांग्रेस की संस्कृति का अनुसरण करना है."

मोदी ने कहा कि आम जनता ईमानदार सरकार चाहती है. "आम आदमी छूट या मुफ्त की चीज नहीं चाहता है... यह (मुफ्त की चीज की चाहत) आपकी कोरी कल्पना है."

लोग मेरा काम जानते हैं

मोदी ने कहा कि यह मामला वित्त मंत्री के दायरे में आता है और वह (मोदी) इस काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते. साथ ही उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखा है वो जानते हैं कि सामान्य जन इस तरह की चीजों (लोकलुभान) की अपेक्षा नहीं करता, यह एक मिथक (कोरी कल्पना) है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के फैसले जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हैं. प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान अपनी सरकार की आर्थिक नीतियों का जोरदार बचाव किया. जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार माल एवं सेवा कर में संशोधन के सुझाव पर अमल के लिए तैयार है ताकि इसे अधिक कारगर प्रणाली बनाया जा सके और इसकी खामियां दूर हो.

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स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाली विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने का अवसर पाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री का सम्मान पाने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि यह भारत की प्रगति के कारण संभंव हुआ है.

उन्होंने कहा, "भारत ने दुनिया को अपनी शक्ति का परिचय दिया है इसलिए यह स्वाभाविक है कि दुनिया भी भारत के बारे में जानना चाहती है और वह यह जानकारी भारत से (भारत के शासनाध्यक्ष से) सीधे प्राप्त करना चाहती है और उसे समझना चाहती है." मोदी ने कहा कि स्वच्छ और स्पष्ट नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है और उद्यमी (निवेश का) जोखिम उठाने लगे हैं. भारत बड़े आर्थिक अवसरों का देश और वैश्विक निवेश का आकर्षक गंतव्य बन गया है.

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