केंद्र की सत्ता में दोबारा आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का आज पहला बजट आने वाला है, लेकिन वित्त मंत्रालय के बाहर आज पहली बार एक अलग तस्वीर दिखने को मिली. असल में, बजट अप्रूवल के लिए वरिष्ठ अफसरों और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचीं. अब तक यह होता था कि वित्त मंत्री लेदर का ब्रीफकेस लेकर बजट पेश करने संसद पहुंचते थे. लेकिन इस बार जब वित्त मंत्री राष्ट्रपति से मिलने के लिए रवाना हुईं तो उनके हाथ में बजट ब्रीफकेस की बजाय लाल रंग के मखमली कपड़े में बंधा दिखा.
पुराने वित्त मंत्रियों की बजट पेश करने वाली जितनी भी औपचारिक तस्वीरें जेहन में आती हैं उनमें ब्राउन कलर की अटैची ही दिखती रही है. लेकिन इस बार जब वित्त मंत्री राष्ट्रपति से मिलने के लिए रवाना हुईं तो उनके हाथ में बजट गहरे लाल रंग के मखमली कपड़े में बजट दिखा. इसे एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. भारत में बही खाता को भी लाल रंग के कपड़े में बांध कर रखने की परंपरा रही है. दफ्तरों में भी दस्तावेजों को लाल कपड़े में बांधकर रखने की परंपरा रही है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman, MoS Finance Anurag Thakur, Finance Secretary S C Garg, Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian and other officials outside Finance Ministry. #Budget2019 to be presented at 11 am in Lok Sabha today pic.twitter.com/oCyrMSNg7N
— ANI (@ANI) July 5, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि यह भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से हमारे मुक्त होने का संकेत है. यह बजट नहीं है, यह बही खाता है.
Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a 'bahi khata'(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019
असल में, ब्राउन कलर की इस अटैची का बजट से बड़ा पुराना नाता है. यह रिश्ता 1860 से बना हुआ है. बजट फ्रांसीसी शब्द 'बॉगेटी' से बना है, जिसका मतलब लेदर बैग होता है. पहली बार 1860 में ब्रिटेन के 'चांसलर ऑफ दी एक्सयचेकर चीफ' विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे. ब्रिटेन की महारानी ने बजट पेश करने के लिए लेदर का यह सूटकेस खुद ग्लैगडस्टमन को दिया था. तभी से यह परंपरा निकल पड़ी,
वहीं से भारत में यह परंपरा आई है. संसद में बजट वाले दिन थैला या ब्रीफकेस लाने की परंपरा भी अंग्रेजों की ही देन है. बजट वाले दिन वित्त मंत्री चमड़े के एक बैग या ब्रीफकेस के साथ संसद पहुंचते हैं, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति का लेखा-जोखा होता है. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लाल रंग के मखमली कपड़े में बजट पेश करके भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाने के साथ ही पश्चिमी अवधारणा को तोड़ा है.
बजट से पहले अरुण जेटली से कीं मुलाकात
शुक्रवार को बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की थीं. दोनों की ये मुलाकात गुरुवार को हुई थी. दोनों नेता चुनौतियों और योजनाओं पर चर्चा किए थे.