लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण का बड़ा तोहफा दिया था. सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के साथ ही केंद्र द्वारा चलाए जा रहे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सीटों के इजाफे का फैसला लिया गया. अब इस बात की उम्मीद की जा रही है कि आम बजट में सरकार गरीब सवर्ण छात्रों के लिए अलग से स्कॉलरशिप योजना या फंड आवंटन पर पहल कर सकती है. यहां बता दें कि 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला आम बजट होगा.
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25 फीसदी सीटें बढ़ गईं
बीते फरवरी महीने में सवर्ण आरक्षण के तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों में 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का आदेश दिया था. इस निर्णय के तहत आने वाले दिनों में भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), राष्ट्रीय प्रद्यौगिकी संस्थान (एनआईटी) समेत अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में करीब 3 लाख सीटों के इजाफे की उम्मीद है. साल 2021 तक आईआईटी में 5 हजार नई सीटों के सृजन की बात कही गई तो वहीं, आईआईएम में भी करीब 800 सीटों का इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
आरक्षण से पहले की स्थिति
कॉलेजों में सवर्ण गरीबों को आरक्षण लागू होने के पहले सभी संस्थाओं में करीब 9 लाख से अधिक विद्यार्थियों के दाखिले की व्यवस्था है. इस संख्या में आईआईटी, आईआईएम, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, केंद्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, सरकारी कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी और फंड प्राप्त कॉलेजों की सीटें शामिल हैं.
बजट से क्या हैं उम्मीदें
इस बात की उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट में गरीब सवर्ण छात्रों के लिए अलग से स्कॉलरशिप की व्यवस्था की जा सकती है. इसके अलावा कॉलेजों को इस वर्ग के लिए अलग से फंड भी मुहैया कराने को लेकर भी ऐलान हो सकते हैं.